KALIMPONG : इस समय केंद्र की सरकार आम जनता के भावना के विपरीत कार्य कर रही है। इसका अंदाजा इस समय महंगाई को देखकर लगाया जा सकता है। घरेलू गैस में वृद्धि करके इस सरकार ने साबित कर दिया है कि वह आम जनता को कुछ नहीं समझती है।
यह बातें मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कालिम्पोंग क्रांतिकारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव तारा मणि राई ने कही। उन्होंने कहा कि केंद्र की नीति के खिलाफ बुधवार से हिल्स में आंदोलन किया जाएगा। महंगाई के कारण जन-जीवन प्रभावित हो गया है और लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली गई है। प्रदर्शन के पूर्व सभी वार्डो के कार्यकर्ताओं द्वारा जुलूस निकाला जाएगा और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जाएगी। सरकार की नीति खराब हो गई है और भारत के लोगों को सिर्फ चुनाव में ही लुभावने वादे देती है। इसका परिणाम इस दल और उसके गठबंधन दल को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों योग गुरु रामदेव के आंदोलन को कुचला गया और काले धन को वापस लाने की मांग को इस सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया। अब साफ हो गया है कि इस सरकार के कई प्रतिनिधियों के पैसे विदेश में जमा हैं और इसे भारत वापस लाने के लिए सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है। यही नहीं यह सरकार लोकपाल बिल बनाने में भी हीलाहवाली कर रही है। केंद्र के नेता जान गए हैं कि लोकपाल बनने के बाद उसके कई नेता इसके दायरे में आ जाएंगे और इसका परिणाम होगा कि वह जेल चले जाएंगे। इसी सरकार में सबसे ज्यादा घोटालेबाज सामने आए और हर आयोजन के नाम पर पैसे की जमकर लूट हुई।
यह बातें मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कालिम्पोंग क्रांतिकारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सचिव तारा मणि राई ने कही। उन्होंने कहा कि केंद्र की नीति के खिलाफ बुधवार से हिल्स में आंदोलन किया जाएगा। महंगाई के कारण जन-जीवन प्रभावित हो गया है और लोगों का जीना दुश्वार हो गया है। उन्होंने कहा कि इस बारे में आंदोलन की रणनीति तैयार कर ली गई है। प्रदर्शन के पूर्व सभी वार्डो के कार्यकर्ताओं द्वारा जुलूस निकाला जाएगा और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की जाएगी। सरकार की नीति खराब हो गई है और भारत के लोगों को सिर्फ चुनाव में ही लुभावने वादे देती है। इसका परिणाम इस दल और उसके गठबंधन दल को भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों योग गुरु रामदेव के आंदोलन को कुचला गया और काले धन को वापस लाने की मांग को इस सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया। अब साफ हो गया है कि इस सरकार के कई प्रतिनिधियों के पैसे विदेश में जमा हैं और इसे भारत वापस लाने के लिए सरकार के पास कोई विकल्प नहीं है। यही नहीं यह सरकार लोकपाल बिल बनाने में भी हीलाहवाली कर रही है। केंद्र के नेता जान गए हैं कि लोकपाल बनने के बाद उसके कई नेता इसके दायरे में आ जाएंगे और इसका परिणाम होगा कि वह जेल चले जाएंगे। इसी सरकार में सबसे ज्यादा घोटालेबाज सामने आए और हर आयोजन के नाम पर पैसे की जमकर लूट हुई।
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