MIRIK: ठेकेदारों की जुटी रही भीड़, तनाव../एक रोटी खाकर करें गोरखालैंड का आंदोलन

MIRIK : मिरिक में विकास कार्यो को कराने व इस बाबत जिम्मेदारी दिये जाने को लेकर जारी किये गए निविदा फार्म को जमा करने के लिए भीड़ लगी रही। ठेकेदारों के निविदा के फार्म जमा देने का गुरूवार को अंतिम तिथि निर्धारित की गई थी। जिसमें मिरिक, सौरेनी, पानीघाटा क्षेत्र के अधिकांश लोगों ने निविदा फार्म जमा किया। कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच संपन्न फार्म जमा करने का सिलसिला सायं चार बजे तक चला। जानकारी के मुताबिक इस बाबत 28 जून को विभाग अपनी सूची जारी करेगा और ठेकेदारों का दायित्व तय किया जाएगा। गुरुवार को निविदा फार्म जमा करने की अंतिम तिथि होने के कारण परिसर में काफी भीड़ रही। इस बीच काफी गहमागहमी का माहौल रहा और इसके कारण कुछ समय के लिए तनाव हो गया था, लेकिन सुरक्षा पर्याप्त होने के कारण कोई विवाद नहीं हो पाया। इसका परिणाम रहा कि माहौल शांत रहा। मिरिक खंड विकास कार्यालय परिसर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था।

एक रोटी खाकर करें गोरखालैंड का आंदोलन:

KURSEONG : गोजमुमो कर्सियांग महकमा टाउन जोनल कमेटी व वार्ड नंबर 19 के तत्वावधान में बेलव्यू बोर्डिग स्कूल हाल में गुरुवार को राज कुमार प्रधान की अध्यक्षता में सभा हुई। गोजमुमो स्टडी फोरम के सदस्य विनोद प्रकाश शर्मा ने कहा कि कल तक हम खाली पेट गोरखालैंड की मांग कर रहे थे। अब एक रोटी खाकर गोरखालैंड की मांग करने के लिए हमें सुयोग मिला है। इसलिए प्रस्तावित व्यवस्था को हमें इनकार नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस वार्ड में रहे प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण स्थानों को चिह्नित कर पर्यटक स्थल बनाने के लिए पहल किया जाना जरूरी है। 170 वर्ष हो गए पंखाबारी रोड को हेरिटेज रोड से चिह्नित करने की मांग की उन्होंने की। फाटक डांड़ा स्थित वर्तमान में उपयोगिता हीन वेटेनेरी कार्यालय को इसके आसपास की जमीन लेकर एनिमल हस्बेन्ड्री वासियों से पहल करने का आह्वान भी उन्होंने किया। इस क्षेत्र में रहे टी बोर्ड को टी बोर्ड म्यूजियम बनाने की मांग भी उठाई गई। टाउन कमेटी के उपाध्यक्ष किशोर थापा ने सांगठनिक सुदृढ़ीकरण विषय में उपस्थित लोगों को विस्तृत जानकारी दिया। टाउन कमेटी के अध्यक्ष योगेन्द्र राई ने कहा कि 34 वर्षीय माकपा के शासक व 21 वर्षीय गोरामुमो के काले शासन ने हमारे मौलिक अधिकारों का हनन किया। प्रत्येक क्षेत्र में हमें दमन व शोषण करके रखा गया। अब 44 महीने की तकनीकी लड़ाई के प्रतिफल में हमारे आंदोलन ने प्रत्येक शोषित व शासित को उन्मुक्ति के मार्ग की ओर अग्रसर किया है। जो भी व्यवस्था हो, लेकिन गोरखालैंड की मांग यथावत रहेगी। सही मायने में यह मांग संवैधानिक है और इससे गोरखाओं को पहचान मिलेगी। इस मांग से पीछे हटने का सवाल ही नहीं है। सभा को युवा मोर्चा कर्सियांग महकमा कमेटी के प्रचार-प्रसार सचिव सुवास प्रधान, उपाध्यक्ष राज कुमार प्रधान सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया। सभा का संचालन संतोष परी ने किया। 

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