DARJEELING : क्रांतिकारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और अखिल भारतीय गोरखालीग के गठबंधन डेमोक्रेटिक फ्रंट की बैठक 10 जुलाई को होगी। इसमें अलग राज्य गोरखालैंड के आगामी दिनों में होने वाले आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई जाएगी और दोनों दलों के नेताओं में विचार-विमर्श होगा।
इस बाबत गोरखालीग के केंद्रीय महासचिव लक्ष्मण प्रधान ने बताया कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने नई व्यवस्था नहीं बल्कि गोरखालैंड के गठन के लिए मत दिया था, लेकिन मोर्चा के नेताओं ने जनता को धोखा दे दिया। सभी विधानसभा सीटों से गोजमुमो उम्मीदवारों ने घोषणा की थी कि वह विधानसभा में पहुंचते ही गोरखालैंड के आवाज बुलंद करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वह अपनी बात से पलट गए। उन्होंने जनता के हितों की परवाह नहीं की और अपने हित के लिए झूठे वादे किये। इसका जवाब जनता फ्रंट के साथ आकर देगी और गोरखालैंड के लिए आंदोलन में साथ देगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ की जनता के समस्याओं का समाधान अलग राज्य गोरखालैंड के गठन से ही हो सकता है और इसके लिए आंदोलन जारी रहेगा। सौ वर्ष पुरानी इस मांग को लेकर कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी और गोरखालैंड के लिए चोटें खाई, लेकिन गोजमुमो ने इसको नजरंदाज कर दिया। गौरतलब है कि इससे पूर्व गोरखालीग ने पहाड़ सहित अन्य मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और शीघ्र ही क्रामाकपा भी प्रदेश सरकार को पत्र लिखेगी। सभी का कहना है कि नई व्यवस्था लागू करने से पूर्व पहाड़ के स्थानीय लोगों व दलों से बातचीत की जाए।
-जागरण
इस बाबत गोरखालीग के केंद्रीय महासचिव लक्ष्मण प्रधान ने बताया कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने नई व्यवस्था नहीं बल्कि गोरखालैंड के गठन के लिए मत दिया था, लेकिन मोर्चा के नेताओं ने जनता को धोखा दे दिया। सभी विधानसभा सीटों से गोजमुमो उम्मीदवारों ने घोषणा की थी कि वह विधानसभा में पहुंचते ही गोरखालैंड के आवाज बुलंद करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वह अपनी बात से पलट गए। उन्होंने जनता के हितों की परवाह नहीं की और अपने हित के लिए झूठे वादे किये। इसका जवाब जनता फ्रंट के साथ आकर देगी और गोरखालैंड के लिए आंदोलन में साथ देगी। उन्होंने कहा कि पहाड़ की जनता के समस्याओं का समाधान अलग राज्य गोरखालैंड के गठन से ही हो सकता है और इसके लिए आंदोलन जारी रहेगा। सौ वर्ष पुरानी इस मांग को लेकर कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी और गोरखालैंड के लिए चोटें खाई, लेकिन गोजमुमो ने इसको नजरंदाज कर दिया। गौरतलब है कि इससे पूर्व गोरखालीग ने पहाड़ सहित अन्य मुद्दों को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है और शीघ्र ही क्रामाकपा भी प्रदेश सरकार को पत्र लिखेगी। सभी का कहना है कि नई व्यवस्था लागू करने से पूर्व पहाड़ के स्थानीय लोगों व दलों से बातचीत की जाए।
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