DARJEELING: कई दिन बाद पहाड़ में हर वर्ग चाहे वह व्यापारी हो या विद्यार्थी, सभी में उम्मीदों का संचार हुआ है। बंद पड़ी योजनाओं और कार्यो को कराने का आश्वासन दिये जाने से हिल्स के लोग फूले नहीं समा रहे हैं। इस बीच सिक्किम और राज्य के सिमाना बाजार तक चलने वाले मानव सवारी को पहाड़ों की तस्वीर दिखाने वाले रोप-वे को शुरू कराने के वादे से व्यापारी के साथ स्थानीय लोग खासे उत्साहित हैं।
रोप-वे का निर्माण कई वर्षो पूर्व कराया गया था। इसका लक्ष्य दार्जिलिंग हिल्स में पर्यटकों को लुभाना और उनकी आमद बढ़ाना था। यह हुआ भी और सैलानियों की खेप यहां भारी तादाद में आने लगी। इस बीच 1986 में पहाड़ में आंदोलन के दौरान यह रोप-वे सिंगला बाजार, सिंगला कमान और लिम्बु बस्ती के बीच कर दिया गया था। इसके बाद वन विभाग और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के संयुक्त प्रयास से इसे चालू कराया गया और इसके ट्रालियों की संख्या बढ़ाकर 11 कर दी गई। हालांकि यह ज्यादा दिन चल नहीं पाया और कुछ वर्षो बाद ही रोप-वे दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इसमें चार पर्यटकों की मौत हो गई। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए थे। इसके बाद से रोप-वे बंद पड़ा हुआ है। इससे रोप-वे के समीप दुकान चलाने वालों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया और उन्हें अपनी दुकानें बंद करनी पड़ी। इस बीच बीते दिनों वन राज्य मंत्री की घोषणा के बाद लोगों में फिर से रोप-वे के चालू होने की उम्मीद जगी है। वन मंत्री ने साफ कर दिया था कि इसे हर हाल में शुरू कराया जाएगा और हर बाधा को दूर किया जाएगा। ऐसे में क्षेत्रीय दुकानदारों का कहना है कि रोप-वे चालू होने से पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और व्यवसाय फिर से शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार के इस प्रयास से वह काफी प्रसन्न हैं। इससे पर्यटक भी खुश हैं। पिछले दिनों अमेरिका से आए पर्यटकों के दल ने कहा था कि उन्हें पता नहीं था कि रोप-वे बंद है और इसकी जानकारी मिलने के बाद वह काफी हतोत्साहित हुए थे।
रोप-वे का निर्माण कई वर्षो पूर्व कराया गया था। इसका लक्ष्य दार्जिलिंग हिल्स में पर्यटकों को लुभाना और उनकी आमद बढ़ाना था। यह हुआ भी और सैलानियों की खेप यहां भारी तादाद में आने लगी। इस बीच 1986 में पहाड़ में आंदोलन के दौरान यह रोप-वे सिंगला बाजार, सिंगला कमान और लिम्बु बस्ती के बीच कर दिया गया था। इसके बाद वन विभाग और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के संयुक्त प्रयास से इसे चालू कराया गया और इसके ट्रालियों की संख्या बढ़ाकर 11 कर दी गई। हालांकि यह ज्यादा दिन चल नहीं पाया और कुछ वर्षो बाद ही रोप-वे दुर्घटनाग्रस्त हो गया और इसमें चार पर्यटकों की मौत हो गई। इस घटना में कई लोग घायल भी हुए थे। इसके बाद से रोप-वे बंद पड़ा हुआ है। इससे रोप-वे के समीप दुकान चलाने वालों की रोजी-रोटी पर संकट आ गया और उन्हें अपनी दुकानें बंद करनी पड़ी। इस बीच बीते दिनों वन राज्य मंत्री की घोषणा के बाद लोगों में फिर से रोप-वे के चालू होने की उम्मीद जगी है। वन मंत्री ने साफ कर दिया था कि इसे हर हाल में शुरू कराया जाएगा और हर बाधा को दूर किया जाएगा। ऐसे में क्षेत्रीय दुकानदारों का कहना है कि रोप-वे चालू होने से पर्यटकों की आमद बढ़ेगी और व्यवसाय फिर से शुरू हो जाएगा। राज्य सरकार के इस प्रयास से वह काफी प्रसन्न हैं। इससे पर्यटक भी खुश हैं। पिछले दिनों अमेरिका से आए पर्यटकों के दल ने कहा था कि उन्हें पता नहीं था कि रोप-वे बंद है और इसकी जानकारी मिलने के बाद वह काफी हतोत्साहित हुए थे।
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