DARJEELING: गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख विमल गुरुंग ने कहा कि नई व्यवस्था को लेकर होने वाली मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल, राज्य व केंद्र के बीच होने वाली त्रिपक्षीय वार्ता को लेकर उन्हें कोई जल्दी नहीं है। पहाड़ के लिए नई व्यवस्था भले ही तय हो गई है, लेकिन इस पर अंतिम मुहर इस वार्ता के बाद ही लगेगा। सरकार का ड्राफ्ट गोरखा समुदाय के पक्ष में रहेगा।
मंगलवार को 'जागरण' से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस वार्ता को लेकर गोजमुमो को किसी प्रकार की जल्दीबाजी नहीं है, क्योंकि इस बाबत सरकार को तिथि तय करनी है। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि नए मसौदे को लेकर राज्य सरकार से दस्तावेजों का आदान-प्रदान जारी है, लेकिन इन दस्तावेजों को लेकर उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया। विमल ने उम्मीद जताई कि सरकार इसका ध्यान रखेगी और इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। पिछले कई वर्षो से गोरखालैंड के लिए आंदोलन कर रहे विमल गुरुंग व मोर्चा के अन्य नेताओं को इस त्रिपक्षीय वार्ता से काफी अपेक्षा है। पूर्व में भी गोजमुमो नेताओं की पूर्व की प्रदेश सरकार के साथ कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन इसका परिणाम गोरखा समुदाय के पक्ष में नहीं रहा। इसके कारण कई बाद आंदोलन भी हुए। इस बार भी वार्ता को लेकर चर्चा हो रही है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान किन विषयों पर चर्चा होगी, लेकिन एक बात तय है कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
मंगलवार को 'जागरण' से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि इस वार्ता को लेकर गोजमुमो को किसी प्रकार की जल्दीबाजी नहीं है, क्योंकि इस बाबत सरकार को तिथि तय करनी है। हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि नए मसौदे को लेकर राज्य सरकार से दस्तावेजों का आदान-प्रदान जारी है, लेकिन इन दस्तावेजों को लेकर उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया। विमल ने उम्मीद जताई कि सरकार इसका ध्यान रखेगी और इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। पिछले कई वर्षो से गोरखालैंड के लिए आंदोलन कर रहे विमल गुरुंग व मोर्चा के अन्य नेताओं को इस त्रिपक्षीय वार्ता से काफी अपेक्षा है। पूर्व में भी गोजमुमो नेताओं की पूर्व की प्रदेश सरकार के साथ कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन इसका परिणाम गोरखा समुदाय के पक्ष में नहीं रहा। इसके कारण कई बाद आंदोलन भी हुए। इस बार भी वार्ता को लेकर चर्चा हो रही है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इस त्रिपक्षीय वार्ता के दौरान किन विषयों पर चर्चा होगी, लेकिन एक बात तय है कि इसके सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे।
jagran
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