KALIMPONG : फर्जी पासपोर्ट बनवा रहे दो लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों में एक नेपाल का निवासी चंद्र बहादुर बस्नेत और दूसरा गोरुवथान निवासी मनोज तमांग बताया गया है। पुलिस ने दोनों को बुधवार को अदालत में पेश किया और न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की पुलिस की रिमांड पर भेज दिया है।
फर्जी पासपोर्ट की कहानी चंद्र बहादुर बस्नेत ने शेखर तमांग बनकर की। इस बाबत उसने पासपोर्ट कार्यालय में आवेदन दिया और विभागीय अधिकारियों ने सत्यापन शुरू किया। इसके बाद तमाम औपचारिकताएं हुई और स्थानीय अभिसूचना इकाई ने जांच की। इस बीच अधिकारियों को कागजी सत्यापन के दौरान कुछ दस्तावेजों पर शंका हुई। मसलन इसमें मतदाता परिचय का नहीं होना ही अधिकारियों के लिए संशय का विषय बन गया। इस बाबत पूछताछ करने और मतदाता पहचान पत्र होने की तस्दीक की गई तो बात साफ हुई कि वह फर्जी तौर पर पासपोर्ट बनवा रहा है। यही नहीं उसकी भाषा भी स्थानीय लोगों की तरह बोल भी नहीं रहा था और इससे अधिकारियों का संदेह बढ़ गया। इस दौरान चंद्र बहादुर बस्नेत के साथ आए मनोज तमांग को भी गिरफ्तार कर लिया गया। चंद्र बहादुर ने बताया कि उसने तीन माह पूर्व गोरुवथान के रहने वाले पासपोर्ट एजेंट दिवस तमांग को पासपोर्ट बनवाने के एवज में 30 हजार रुपए दिये थे। इस सौदे के बाद दिवस तमांग एक जून को महिला तस्करी के आरोप माटीगाड़ा पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। इसके बाद से मनोज ने ही पासपोर्ट का कार्य कराना शुरू किया, लेकिन कहानी शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई। चंद्र बहादुर बस्नेत जिसके नाम से पासपोर्ट बनवा रहा था, वह किसी दूसरे राज्य में कार्यरत हैं।
jagran
फर्जी पासपोर्ट की कहानी चंद्र बहादुर बस्नेत ने शेखर तमांग बनकर की। इस बाबत उसने पासपोर्ट कार्यालय में आवेदन दिया और विभागीय अधिकारियों ने सत्यापन शुरू किया। इसके बाद तमाम औपचारिकताएं हुई और स्थानीय अभिसूचना इकाई ने जांच की। इस बीच अधिकारियों को कागजी सत्यापन के दौरान कुछ दस्तावेजों पर शंका हुई। मसलन इसमें मतदाता परिचय का नहीं होना ही अधिकारियों के लिए संशय का विषय बन गया। इस बाबत पूछताछ करने और मतदाता पहचान पत्र होने की तस्दीक की गई तो बात साफ हुई कि वह फर्जी तौर पर पासपोर्ट बनवा रहा है। यही नहीं उसकी भाषा भी स्थानीय लोगों की तरह बोल भी नहीं रहा था और इससे अधिकारियों का संदेह बढ़ गया। इस दौरान चंद्र बहादुर बस्नेत के साथ आए मनोज तमांग को भी गिरफ्तार कर लिया गया। चंद्र बहादुर ने बताया कि उसने तीन माह पूर्व गोरुवथान के रहने वाले पासपोर्ट एजेंट दिवस तमांग को पासपोर्ट बनवाने के एवज में 30 हजार रुपए दिये थे। इस सौदे के बाद दिवस तमांग एक जून को महिला तस्करी के आरोप माटीगाड़ा पुलिस ने उसे जेल भेज दिया। इसके बाद से मनोज ने ही पासपोर्ट का कार्य कराना शुरू किया, लेकिन कहानी शुरू होने से पहले ही खत्म हो गई। चंद्र बहादुर बस्नेत जिसके नाम से पासपोर्ट बनवा रहा था, वह किसी दूसरे राज्य में कार्यरत हैं।
jagran
Post a Comment
We love to hear from you! What's on your mind?