DARJEELING : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के विधायक गुरुवार को कोलकाता रवाना हुए। इसमें दार्जिलिंग त्रिलोक देवान, कर्सियांग से डॉ. रोहित शर्मा, कालिम्पोंग से डॉ. हर्क बहादुर क्षेत्री व डुवार्स के कालचीनी से विल्सन चंप्रामारी शामिल हैं। शुक्रवार को विधानसभा का बजट सत्र शुरू होगा और इसमें भाग लेने के लिए विधायक रवाना हुए हैं।
नई व्यवस्था को लेकर संशय नहीं पालें गोरखा : विमल:
DARJEELING : नई व्यवस्था को लेकर गोरखा समुदाय के दिल-दिमाग को भांपते हुए गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख विमल गुरुंग ने गुरुवार को जिमखाना हाल में केंद्रीय कमेटी और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने पहले की ही बात दोहराई और कहा कि राज्य सरकार से हुआ समझौता फुल और फाइनल नहीं है। इसको लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं पाला जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं और इसमें बहुत हद तक विरोधी दलों का भी योगदान है। इसे दूर किया जाएगा और लोगों को समझाया जाएगा कि नई व्यवस्था में जो भी कदम उठाए जाएंगे, उसमें आम जनता की अनदेखी नहीं की जाएगी। गोजमुमो सुप्रीमो ने पिछले दिनों हुई वार्ता के बाद तय हुए फैसले और इसकी कॉपी लोगों को पढ़कर सुनाई और कहा कि प्रदेश सरकार से कई विषयों पर बात की गई है। नई व्यवस्था और समझौते के तहत गोरखा समुदाय के हितों का ख्याल रखा जाएगा। इससे किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार से वार्ता के बाद आने वाले दिनों में केंद्र सरकार के साथ भी वार्ता भी होगी और इस दौरान नई व्यवस्था पर चर्चा होगी। इसमें मुख्य रूप से हिल्स की समस्याओं और विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। हालांकि पश्चिम बंगाल की सरकार ने पूर्व में ही हिल्स की समस्याओं से केंद्र सरकार के नेताओं और अन्य प्रतिनिधियों को अवगत करा दिया है, लेकिन इस वार्ता के दौरान कई महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होगी। हालांकि केंद्र सरकार पूर्व में ही स्पष्ट कर चुका है कि वह पहाड़ के विकास के साथ कोई समझौता नहीं करेगा और इसके लिए वह व्यापक कदम उठाएगा। यही वजह है कि राज्य व केंद्र ने हिल्स के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है और इससे विकास का दावा किया जा रहा है, लेकिन इसमें क्या है, यह बात इस ड्राफ्ट के अवलोकन करने के बाद ही पता चल पाएगा। इसके अलावा पहाड़ की नई व्यवस्था को लेकर राज्य, केंद्र व गोजमुमो प्रतिनिधियों की त्रिपक्षीय वार्ता शीघ्र होगी, लेकिन अभी इसकी तिथि तय नहीं हो पाई है। गुरुवार को हुई बैठक कई मामलों में महत्वपूर्ण रही। दरअसल, बीते दिनों नई व्यवस्था को लेकर अन्य राज्यों में रह रहे गोरखा समुदाय के लोगों ने भी विरोध किया था और इसके खिलाफ बयानबाजी की थी। इसके बाद से गोजमुमो प्रमुख व अन्य नेताओं की चिंता बढ़ गई थी। इसके तहत यह बैठक बुलाई गई और विभिन्न इकाईयों के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को अपने क्षेत्र में लोगों को इसके प्रति जागरूक करने पर बल दिया गया। हालांकि जिमखाना में बैठक के दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की बैठक के दौरान किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं थी और इसका नतीजा रहा कि कोई भी अंदर नहीं जा पाया।
उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था को लेकर कई तरह की भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं और इसमें बहुत हद तक विरोधी दलों का भी योगदान है। इसे दूर किया जाएगा और लोगों को समझाया जाएगा कि नई व्यवस्था में जो भी कदम उठाए जाएंगे, उसमें आम जनता की अनदेखी नहीं की जाएगी। गोजमुमो सुप्रीमो ने पिछले दिनों हुई वार्ता के बाद तय हुए फैसले और इसकी कॉपी लोगों को पढ़कर सुनाई और कहा कि प्रदेश सरकार से कई विषयों पर बात की गई है। नई व्यवस्था और समझौते के तहत गोरखा समुदाय के हितों का ख्याल रखा जाएगा। इससे किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार से वार्ता के बाद आने वाले दिनों में केंद्र सरकार के साथ भी वार्ता भी होगी और इस दौरान नई व्यवस्था पर चर्चा होगी। इसमें मुख्य रूप से हिल्स की समस्याओं और विभिन्न बिंदुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। हालांकि पश्चिम बंगाल की सरकार ने पूर्व में ही हिल्स की समस्याओं से केंद्र सरकार के नेताओं और अन्य प्रतिनिधियों को अवगत करा दिया है, लेकिन इस वार्ता के दौरान कई महत्वपूर्ण मसलों पर चर्चा होगी। हालांकि केंद्र सरकार पूर्व में ही स्पष्ट कर चुका है कि वह पहाड़ के विकास के साथ कोई समझौता नहीं करेगा और इसके लिए वह व्यापक कदम उठाएगा। यही वजह है कि राज्य व केंद्र ने हिल्स के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया है और इससे विकास का दावा किया जा रहा है, लेकिन इसमें क्या है, यह बात इस ड्राफ्ट के अवलोकन करने के बाद ही पता चल पाएगा। इसके अलावा पहाड़ की नई व्यवस्था को लेकर राज्य, केंद्र व गोजमुमो प्रतिनिधियों की त्रिपक्षीय वार्ता शीघ्र होगी, लेकिन अभी इसकी तिथि तय नहीं हो पाई है। गुरुवार को हुई बैठक कई मामलों में महत्वपूर्ण रही। दरअसल, बीते दिनों नई व्यवस्था को लेकर अन्य राज्यों में रह रहे गोरखा समुदाय के लोगों ने भी विरोध किया था और इसके खिलाफ बयानबाजी की थी। इसके बाद से गोजमुमो प्रमुख व अन्य नेताओं की चिंता बढ़ गई थी। इसके तहत यह बैठक बुलाई गई और विभिन्न इकाईयों के कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को अपने क्षेत्र में लोगों को इसके प्रति जागरूक करने पर बल दिया गया। हालांकि जिमखाना में बैठक के दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की बैठक के दौरान किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं थी और इसका नतीजा रहा कि कोई भी अंदर नहीं जा पाया।
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