DARJEELING : दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद बोर्ड की बैठक 30 जून को होगी। इसमें बोर्ड के संचालक का नाम तय होगा। यह बैठक काफी महत्वपूर्ण है और इसमें विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा होगी।
यह जानकारी शुक्रवार को बातचीत के दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता व कालिम्पोंग के विधायक डॉ. हर्क बहादुर क्षेत्री ने दी। उन्होंने बताया कि इस बैठक में दागोपाप के प्रशासक अनिल वर्मा, जिलाधिकारी मोहन गांधी, तीनों विधायक सहित अन्य सदस्य रहेंगे। इस दौरान बोर्ड की भविष्य की रणनीति व विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार की योजनाओं व निर्णय पर भी बातचीत की जाएगी। गौरतलब है कि 22 जून 1988 में दागोपाप का गठन किया गया था। उस समय परिषद की कमान गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के प्रमुख सुभाष घीसिंग के हाथों में सौंपी गई थी। इसके कुछ वर्षो बाद सुभाष घीसिंग के खिलाफ लोग मुखर होने लगे और उनका विरोध शुरू हो गया। इसके बाद गोजमुमो का गठन हुआ और विपरीत माहौल देखकर घीसिंग को पहाड़ छोड़ना पड़ा। इस बीच पिछले वर्ष 10 अगस्त को गोरामुमो प्रमुख ने दागोपाप प्रशासक के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अनिल वर्मा इसके प्रशासक बनाए गए। बीते विधानसभा चुनाव के बाद बीते दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गोजमुमो प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के दौरान तय हुआ कि मोर्चा के तीनों विधायक इसके सदस्य होंगे। इस अधिकारियों व विधायकों के संयुक्त बोर्ड के संचालन में विकास के आड़े आ रही दिक्कतों को दूर किया जाएगा।
यह जानकारी शुक्रवार को बातचीत के दौरान गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता व कालिम्पोंग के विधायक डॉ. हर्क बहादुर क्षेत्री ने दी। उन्होंने बताया कि इस बैठक में दागोपाप के प्रशासक अनिल वर्मा, जिलाधिकारी मोहन गांधी, तीनों विधायक सहित अन्य सदस्य रहेंगे। इस दौरान बोर्ड की भविष्य की रणनीति व विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश सरकार की योजनाओं व निर्णय पर भी बातचीत की जाएगी। गौरतलब है कि 22 जून 1988 में दागोपाप का गठन किया गया था। उस समय परिषद की कमान गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा के प्रमुख सुभाष घीसिंग के हाथों में सौंपी गई थी। इसके कुछ वर्षो बाद सुभाष घीसिंग के खिलाफ लोग मुखर होने लगे और उनका विरोध शुरू हो गया। इसके बाद गोजमुमो का गठन हुआ और विपरीत माहौल देखकर घीसिंग को पहाड़ छोड़ना पड़ा। इस बीच पिछले वर्ष 10 अगस्त को गोरामुमो प्रमुख ने दागोपाप प्रशासक के पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अनिल वर्मा इसके प्रशासक बनाए गए। बीते विधानसभा चुनाव के बाद बीते दिनों मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गोजमुमो प्रतिनिधिमंडल की वार्ता के दौरान तय हुआ कि मोर्चा के तीनों विधायक इसके सदस्य होंगे। इस अधिकारियों व विधायकों के संयुक्त बोर्ड के संचालन में विकास के आड़े आ रही दिक्कतों को दूर किया जाएगा।
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