सुभाष घीसिंग 26 को कर सकते शहीद दिवस कार्यक्रम मनाने के स्थान की घोषणा
SILIGURI, जागरण प्रतिनिधि : गोजमुमो समर्थक प्रमिला शर्मा को शहीद हुए तीन वर्ष बीत चुके हैं। प्रमिला की मौत होते ही हिल्स की राजनीतिक गतिविधियों में भूकंप सा आ गया था। जिससे बचने के लिए गोरामुमो सुप्रीमो को पहाड़ छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा था। वैसे वर्ष 1980 में सुभाष घीसिंग ने भी गोरामुमो का गठन करके गोरखालैंड राज्य की मांग के समर्थन में हिंसक आंदोलन का ऐलान किया था तथा वर्ष 86 में आंदोलन ने भीषण रूप अख्तियार किया था। इन्हीं आंदोलन के कारण सुभाष घीसिंग को हिल्स टाइगर की उपाधि दी गई थी। आंदोलन को थामने के लिए 23 अगस्त 1988 को दागोपाप का गठन हुआ तब से घीसिंग ने हिल्स को अपने दबदबे में रखा जो कहते वही होता था। मगर समय के साथ साथ धीरे-धीरे इसपर भी विराम लगने लगा तथा वर्ष 2007 में 7 अक्टूबर को गोजमुमो का गठन हुआ। उसके बाद ही गोजमुमो की लोकप्रियता में इजाफा होने लगा। रोज प्रस्तावित छठी अनुसूची व गोरखालैंड राज्य की मांग के समर्थन में रैली, धरना आदि कार्य होना शुरू हुए। इसी बीच 25 जुलाई 2008 को गोजमुमो समर्थक प्रमिला शर्मा की गोली लगने से मौत हो गई। उसके बाद पहाड़ पर आए राजनीतिक भूकंप सुभाष घीसिंग के विरोध में तेजी से स्वर उभरने लगे। जिससे बचने के लिए गोरामुमो अध्यक्ष सुभाष घीसिंग को मजबूर होकर पहाड़ छोड़ने के लिए विवश होना पड़ा। गोरामुमो सुप्रीमो इस घटना के दो वर्ष बाद विधानसभा चुनाव में भाग लेने के लिए ही अंतत: पहाड़ पर आए थे। मगर चुनाव में मिली पराजय के बाद पुन: वह पहाड़ से वापस लौट गए। अब पुन: गोरामुमो द्वारा वर्ष 86 में हुए आंदोलन को याद दिलाते हुए 27 जुलाई को शहीद दिवस आयोजित किए जाने की योजना है। जिसके संबंध में आधिकारिक घोषणा 26 जुलाई को होगी।शहीद दिवस कहां मनाया जाएगा इसे अभी गुप्त रखा गया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि इसका खुलासा 26 जुलाई को गोरामुमो सुप्रीमो कर सकते हैं।
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