DARJEELING: अखिल भारतीय गोरखालीग के महासचिव लक्ष्मण प्रधान ने कहा कि लोकतंत्र में सभी की बातों को सुना जाना चाहिए। किसी भी विषय पर कोई निर्णय करने से पूर्व कोई विशेष दल की राय लेना और अन्य क्षेत्रीय दलों की अनदेखी करना लोकतंत्र की श्रेणी में नहीं आता है। किसी भी एक दल से बातचीत करके बड़ा निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए। इस समय गोरखा समुदाय के हित में गोरखालैंड के गठन की कवायद की जानी चाहिए और नई व्यवस्था को लागू करने से पूर्व भी इस समुदाय के लोगों के साथ राय-मशविरा किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को बीते चुनाव में जनता ने इसी आधार पर वोट दिया था कि वह चुनाव जीतने के बाद अलग राज्य की लड़ाई लड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और चुनाव के बाद गोजमुमो के विजयी उम्मीदवारों ने आम जनता की सभी कसमों को भुला दिया और उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अलग राज्य गोरखालैंड गोरखाओं के भावना व अस्मिता से जुड़ा हुआ मसला है। ऐसे में इस विषय पर कोई भी निर्णय करने से पूर्व प्रदेश सरकार को सभी स्थानीय दलों से बातचीत करनी चाहिए। हालांकि प्रदेश सरकार भले ही गोरखालैंड की बात नहीं कर रही है, लेकिन नई व्यवस्था के नाम पर जो भी बातें हो रही हैं वह तो यही साबित करती हैं कि गोरखालैंड का मुद्दा प्रभावित हो गया है। लक्ष्मण प्रधान ने गोजमुमो को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस पार्टी को जनता ने नई व्यवस्था नहीं बल्कि गोरखालैंड के नाम पर वोट दिया था, लेकिन उम्मीदवार व नेतृत्व दोनों ने ही धोखा दे दिया। यही नहीं गोजमुमो जिस नई व्यवस्था को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है कि वह दागोपाप है। इससे गोरखाओं का भला होने वाला नहीं है। यह बात करके वह जनता की भावना को आहत कर रहा है।
-जागरण
उन्होंने कहा कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा को बीते चुनाव में जनता ने इसी आधार पर वोट दिया था कि वह चुनाव जीतने के बाद अलग राज्य की लड़ाई लड़ेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और चुनाव के बाद गोजमुमो के विजयी उम्मीदवारों ने आम जनता की सभी कसमों को भुला दिया और उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अलग राज्य गोरखालैंड गोरखाओं के भावना व अस्मिता से जुड़ा हुआ मसला है। ऐसे में इस विषय पर कोई भी निर्णय करने से पूर्व प्रदेश सरकार को सभी स्थानीय दलों से बातचीत करनी चाहिए। हालांकि प्रदेश सरकार भले ही गोरखालैंड की बात नहीं कर रही है, लेकिन नई व्यवस्था के नाम पर जो भी बातें हो रही हैं वह तो यही साबित करती हैं कि गोरखालैंड का मुद्दा प्रभावित हो गया है। लक्ष्मण प्रधान ने गोजमुमो को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस पार्टी को जनता ने नई व्यवस्था नहीं बल्कि गोरखालैंड के नाम पर वोट दिया था, लेकिन उम्मीदवार व नेतृत्व दोनों ने ही धोखा दे दिया। यही नहीं गोजमुमो जिस नई व्यवस्था को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहा है कि वह दागोपाप है। इससे गोरखाओं का भला होने वाला नहीं है। यह बात करके वह जनता की भावना को आहत कर रहा है।
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