Repairing & maintenance of Darjeeling Ropeway-रोप-वे निर्माण का कार्य शुरू

DARJEELING : हिल्स में विकास कार्यो की शुरूआत अब दिखना शुरू हो गई है। इसके तहत वर्षो से बंद पड़े रोप-वे के मरम्मत का कार्य आरंभ हो गया है। मंगलवार को इस बाबत अधिकारियों का दल रोप-वे के विकास कार्यो की जांच करेगा और आने वाले दिनों में इसे चालू करने करने के लिए निर्णय लिया जाएगा। रोप-वे के चालू होने को लेकर लोगों में उत्साह है।
गौरतलब है कि वर्ष 2003 में रोप-वे के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से चार सैलानियों की मौत हो गई थी और 11 लोग घायल हो गए थे। इसके बाद से ही रोप-वे बंद पड़ा हुआ है। हालांकि इससे पूर्व वर्ष 1968 में पर्यटन को मजबूती देने और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इसका निर्माण किया गया था। इस समय पर्यटकों की संख्या सीमित थी और इसका कारण था कि बोगी की संख्या निर्धारित थी। इसके बाद 1988 में वन विभाग और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के बीच समझौता होने के बाद इसमें बढ़ोत्तरी की गई थी। इसके तहत रोप-वे के बोगियों की संख्या बढ़ाकर 12 कर दी गई थी। सिंगमारी तक चलने वाले इस रोप-वे के प्रति अचानक पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ और इसका परिणाम रहा कि पर्यटन से जुड़े व्यापारियों की अच्छी आमद होने लगी। इस बीच 19 अक्टूबर 2003 को अचानक रोप-वे दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और इसमें चार लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद से रोप-वे बनवाने के लिए सिर्फ बातें हुई, लेकिन कार्य नहीं हुआ। इसके कारण कई दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर दी और उनका व्यापार ठप हो गया। कई व्यापारियों के पेट का संकट पैदा हो गया। इस बीच पिछले दिनों मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल ने पहाड़ का दौरा किया और इसी दौरान निर्देश दिया कि शीघ्र ही रोप-वे का निर्माण शुरू किया जाए। शासन की दिलचस्पी दिखाते ही अधिकारियों ने रोप-वे के मरम्मत कार्य में तेजी लाना शुरू कर दिया है। अधिकारिक सूत्रों की माने तो रोप-वे से प्रतिदिन 70 से 80 हजार रुपए की कमाई होती थी। आने वाले दिनों सबकुछ ठीक रहा तो रोप-वे का चालू कर दिया जाएगा।
~जागरण 
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