Siliguri,28 May : बंगाल की नई सरकार के साथ गोरखाजनमुक्ति मोर्चा कदम मिलाकर चल रहा है। मांग है अलग राज्य गोरखालैंड की। समाधान के लिए पहले की तरह गोरखालैंड अंतरिम प्राधिकरण का फार्मूला दिया जा सकता है। शायद यह गोजमुमो को मंजूर भी हो जाए। इस फार्मूले के साथ गोजमुमो अपनी पुरानी मांग सिलीगुड़ी और तराई डुवार्स की मांग को दोहरा सकता है। उनका दावा और जोरदार होगा क्योंकि गोजमुमो के समर्थन से न सिर्फ हिल्स के तीन विधानसभा सीट जीती गई है बल्कि उसके समर्थन से सिलीगुड़ी, डाबग्राम, माटीगाड़ा और फांसीदेवा सीट पर भी कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी विजयी हुए है। ऐसे में गोजमुमो की यह मांग एक बार फिर प्राधिकरण में पेंच फंसा सकती है। पूर्व मंत्री और दार्जिलिंग जिला वामो के चेयरमैन अशोक नारायण भट्टाचार्य का कहना है कि गेंद अभी गोजमुमो के हाथ में है। मतदाताओं ने उसका साथ दिया है। वामो इसका अध्ययन करेगी कि नई सरकार क्या करती है।
गोरखालैंड अंतरिम प्राधिकरण यहां के लोगों को पंसद आएगा तो वामो इसका विरोध नहीं करेगा। अगर लोग इसके विरोध के लिए वामो का सहयोग मांगते हैं तो वामो इसे आंदोलन का रूप देगी। वाममोर्चा जनता के हित में किसी अनैतिक फैसले का स्वागत नहीं करने वाली।
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