गोरखा समुदाय के पक्ष में होगी वार्ता

Mirik(मिरिक) : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख विमल गुरुंग की 30 मई को होने वाली वार्ता से गोरखा समुदाय को काफी अपेक्षा है। यह बैठक सही मायने में गोरखाओं के लिए काफी महत्वपूर्ण भी है। ऐसे में उम्मीद है कि वार्ता के दौरान गोरखा समुदाय के पक्ष का ध्यान रखा जाएगा और उनके हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी।
यह बातें शनिवार को मिरिक गोजमुमो टाउन कमेटी के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मोर्चा के टाउन अध्यक्ष सौगात गुरुंग व प्रवक्ता एम के जिम्बा ने संयुक्त रूप से कही। उन्होंने कहा कि बीते विधानसभा चुनाव में गोरखा समुदाय ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रत्याशियों को भारी मतों से विजय दिलाकर साबित कर दिया कि वह अलग राज्य गोरखालैंड के गठन को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहते हैं। बदलाव की बयार में माकपा सरकार को भी आम जनता ने नकार दिया और ममता बनर्जी को सत्ता में ला दिया। यही नहीं पहाड़ की जनता ने यह भी सिद्ध कर दिया कि गोरखा सिर्फ चौकीदारी ही नहीं बल्कि वह बौद्धिक रूप से भी मजबूत हैं। उन्होंने कहा कि अलग राज्य गोरखालैंड गोरखाओं की पहचान का मुद्दा है और इसका गठन किया जाना आवश्यक है। इस लिहाज से 30 मई को होने वाली वार्ता बहुत महत्वपूर्ण है। इसका सकारात्मक असर होगा और गोरखाओं को इससे आशा होना स्वाभाविक है।
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