इस मुलाकात के हैं कई मायने


Darjeeling,29May : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख विमल गुरुंग और प्रदेश की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सोमवार को होने वाली वार्ता को लेकर कयासों ने जोर पकड़ लिया है। पूर्व में पहाड़ को स्वीट्जरलैंड बनाने को लेकर उनके दिये गए बयान को लेकर लोगों में आस जगी है कि अब चाहे कुछ भी हो, लेकिन हिल्स का विकास तय है। ऐसे में गोरखालैंड हो या स्वीट्जरलैंड इसको लेकर पूरे दिन चर्चाओं को पर लगे रहे।
इस बीच रविवार को विमल गुरुंग बागडोगरा एयरपोर्ट से कोलकाता के लिए रवाना हुए। हालांकि उनके दल के चारों विधायक दार्जिलिंग के त्रिलोक देवान, कर्सियांग के डॉ. रोहित शर्मा, कालिम्पोंग के डॉ. हर्क बहादुर क्षेत्री व कालचीनी के विल्सन चंप्रामारी और गोजमुमो के राष्ट्रीय महासचिव रोशन गिरि कोलकाता में ही डेरा डाले हुए हैं। बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। माना जा रहा है कि इस दौरान सिर्फ अलग राज्य गोरखालैंड के गठन ही नहीं इसके अलावा कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी चर्चा होगी। इसमें पहाड़ के पिछड़ने से लगायत यहां बढ़ती बेरोजगारी और अशांति पर भी बातचीत होगी। यही नहीं पिछले दिनों गोजमुमो कार्यकर्ता रबिन राई की मौत और इसमें गोरामुमो नेताओं की कथित भूमिका का मुद्दा भी उठ सकता है। इसके अलावा क्षेत्र के संपूर्ण विकास को लेकर 'दीदी' द्वारा कोई घोषणा भी की जा सकती है। चाहे जो भी हो लेकिन पहली बार हो रही इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। अब देखना यह है कि इसका परिणाम लोगों के लिए क्या होता है।
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