गोजमुमो ने सौंपे ज्ञापन....राजनैतिक विवाद पर भागोप ने दी सफाई

गोजमुमो ने सौंपे ज्ञापन
दार्जिलिंग : गोजमुमो की नगर कमेटी की ओर से दार्जिलिंग नगरपालिका प्रशासक और सदर एसडीओ को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र सहित कई अन्य मांगों के बारे में ज्ञापन सौंपे गए हैं। शनिवार को नगर कमेटी के महासचिव नारायण प्रधान के नेतृत्व में गोजमुमो के प्रतिनिधिदल ने पालिका प्रशासक और एसडीओ से भेंटकर समस्याओं पर चर्चा करने के बाद ज्ञापन की प्रतियां सौंपी।

राजनैतिक विवाद पर भागोप ने दी सफाई 

कालिम्पोंग, संवादसूत्र : विगत कुछ दिनों से भारतीय गोरखा परिसंघ यानि भागोप की कालिम्पोंग शाखा पर पहाड़ की एक प्रमुख विपक्षी पार्टी द्वारा आरोप के बाबत भागोप की कालिम्पोंग शाखा द्वारा स्पष्टीकरण दिया गया है। भागोप के पक्ष से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार भागोप स्थानीय शाखा की ओर से पहाड़ की मुख्य पार्टियों को मिलाकर उन्हें एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया था। यह प्रयास जनवरी में देहरादून में संपन्न हुए भागोप के अधिवेशन में राष्ट्रीय नीति निर्धारण समिति द्वारा लिए गए निर्णय का ही एक अंग था। उस निर्णय के मुताबिक भागोप यह कार्य कर रहा था। भागोप का प्रयास एकबद्ध कराने का था। विधान सभा चुनाव के प्रति भागोप को कोई लेना देना नहीं है। ना ही भागोप को इसमें रूचि है चूंकि भागोप एक अराजनैतिक संगठन है। भागोप द्वारा अपनी कार्य-सूची में सात मुद्दों में वासभूमि(गोरखालैंड) के मुद्दे के चलते ही विधानसभा चुनाव में रूचि दिखाई गई थी। इसका अन्य कोई राजनीतिक स्वार्थ एवं सरोकार नहीं है। इस प्रसंग में भागोप जोन-2 के अध्यक्ष प्रभाकर देवान जो गोरखालैंड टास्क फोर्स के मुख्य अधिकृत संयोजक हैं। जबकि आर मोक्तान उक्त टास्क फोर्स में देवान द्वारा मनोनीत सदस्य हैं। विधान सभा चुनाव को लेकर भागोप ने सभी क्षेत्रीय राजनीतिक दलों को एकजुट करने का जो प्रयास शुरू किया था वह विफल नहीं हुआ है। कई नेता अब एकता के महत्व को समझने लगे हैं। अन्य राजनीतिक दलों के गोरखालैंड का मुद्दा भागोप की कार्य सूची में भी है। इस कारण दूरगामी कार्यक्रमों को लेकर भागोप के क्रियाकलापों पर ब्रेक लगाने का प्रश्न ही नहीं उठता। भागोप नेता ने बताया कि अराजनैतिक संगठन होने के बावजूद भागोप के कई मुद्दों का संबंध राजनैतिक दलों व संगठनों के साथ है। भागोप राजनीति नहीं करता, पर मुद्दों के हित में राजनीतिक संपर्क रखता है। भागोप की कोई राजनैतिक महत्वाकांक्षा या दुविधा जैसी कोई चीज नहीं है। भारतीय संविधान के प्रति संपूर्ण आस्था एवं सम्मान रखते हुए परिसंघ संविधान की धारा 5 में संपूर्ण भारतीय गोरखा समुदाय के बहुमुखी विकास के लिए कार्य करता रहेगा।
 
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