सिलीगुड़ी, कार्यालय संवाददाता :
देश के विभिन्न देह मंडियों से उद्धार की गई युवतियों को दार्जिलिंग जिला पुलिस का साथ मिल गया है। ऐसी युवतियों के लिए जिला पुलिस रोजगार मूलक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगी। ये बातें उद्धार की गई दस युवतियों के साथ दार्जिलिंग एएसपी कुणाल अग्रवाल की बैठक के बाद सामने आई हैं। यह पहल मानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था कंचनजंघा उद्धार केंद्र द्वारा की गई थी। दार्जिलिंग जिला पुलिस की ओर से स्वयंसेवी संस्था और युवतियों को आश्वासन दिया गया कि वह किस प्रकार के रोजगार मूलक प्रशिक्षण उसका प्रोजेक्ट तैयार करें। इसके लिए पैसा और स्थान की कमी नहीं आने दी जाएगी। बैठक में उद्धार की गई युवतियों की उस मांग को भी रखा गया जिसमें कहा गया कि मानव तस्करी के आरोपियों को कठोर सजा दिलाने में पुलिस अहम भूमिका अदा करे। सरकारी प्रकल्प में युवतियों को समायोजित कराने की मांग को ले एएसपी श्री अग्रवाल ने चुनाव पूर्व जिलाधिकारी से बात कर इसकी पुष्टि करने की बात कही। बैठक का नेतृत्व करने वाली कंचनजंघा उद्धार केंद्र की संयोजिका रंगू सौरिया ने बताया कि यह प्रयोग सफल रहा तो उत्तर बंगाल और सीमावर्ती क्षेत्रों से और चालीस युवतियों को जल्द उद्धार किया जाएगा। सुश्री सौरिया का कहना है कि उद्धार की गई युवतियों को ले समस्याएं आ रही थी। न तो इन्हें समाज स्वीकार करने को तैयार हो रहा है और न यह खुलकर घरों से बाहर निकल पा रही थीं। ऐसी युवतियां अकेले घूंट-घूंट कर जीने पर मजबूर थी। वह किसी मानसिक रोग की शिकार न बनें संस्था को इसकी चिंता होने लगी थी। काफी विचार करने पर यह तय किया गया कि क्यों नहीं सभी युवतियों को एक साथ लाकर पुलिस प्रशासन के साथ बैठक की जाए। इससे युवतियों को यह लगेगा कि सुरक्षा के लिए उनके साथ कम से कम पुलिस प्रशासन खड़ा है। मन से यह भावना भी खत्म हो जाएगी कि इस कठिन पथ पर वह अकेले नहीं है, उनके साथ एक बड़ा कारवां है। इसके लिए दार्जिलिंग पुलिस ने संपर्क किया गया। चुनाव में व्यस्त होने के बाद भी समय दिया गया और संतोषजनक बैठक संपन्न हुई। वर्षो बाद पहली बार सोमवार को उद्धार की गई युवतियों के चेहरे पर हंसी देखने को मिली। पुलिस से सभी युवतियां ने अपनी आपबीती सुनाई। वह अपने परिवार का बोझ नहीं परिवार को बोझ सम्मान के साथ बढ़ाना चाहती है। रंगू सौरिया ने कहा कि मानव तस्करी के क्षेत्र में काम करने वाली अन्य स्वयंसेवी संगठनों से भी वह अपील करेंगी कि वह उद्धार की गई युवतियों के जीवन उत्थान के लिए भी काम करें।
देश के विभिन्न देह मंडियों से उद्धार की गई युवतियों को दार्जिलिंग जिला पुलिस का साथ मिल गया है। ऐसी युवतियों के लिए जिला पुलिस रोजगार मूलक प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाएगी। ये बातें उद्धार की गई दस युवतियों के साथ दार्जिलिंग एएसपी कुणाल अग्रवाल की बैठक के बाद सामने आई हैं। यह पहल मानव तस्करी के खिलाफ काम करने वाली स्वयंसेवी संस्था कंचनजंघा उद्धार केंद्र द्वारा की गई थी। दार्जिलिंग जिला पुलिस की ओर से स्वयंसेवी संस्था और युवतियों को आश्वासन दिया गया कि वह किस प्रकार के रोजगार मूलक प्रशिक्षण उसका प्रोजेक्ट तैयार करें। इसके लिए पैसा और स्थान की कमी नहीं आने दी जाएगी। बैठक में उद्धार की गई युवतियों की उस मांग को भी रखा गया जिसमें कहा गया कि मानव तस्करी के आरोपियों को कठोर सजा दिलाने में पुलिस अहम भूमिका अदा करे। सरकारी प्रकल्प में युवतियों को समायोजित कराने की मांग को ले एएसपी श्री अग्रवाल ने चुनाव पूर्व जिलाधिकारी से बात कर इसकी पुष्टि करने की बात कही। बैठक का नेतृत्व करने वाली कंचनजंघा उद्धार केंद्र की संयोजिका रंगू सौरिया ने बताया कि यह प्रयोग सफल रहा तो उत्तर बंगाल और सीमावर्ती क्षेत्रों से और चालीस युवतियों को जल्द उद्धार किया जाएगा। सुश्री सौरिया का कहना है कि उद्धार की गई युवतियों को ले समस्याएं आ रही थी। न तो इन्हें समाज स्वीकार करने को तैयार हो रहा है और न यह खुलकर घरों से बाहर निकल पा रही थीं। ऐसी युवतियां अकेले घूंट-घूंट कर जीने पर मजबूर थी। वह किसी मानसिक रोग की शिकार न बनें संस्था को इसकी चिंता होने लगी थी। काफी विचार करने पर यह तय किया गया कि क्यों नहीं सभी युवतियों को एक साथ लाकर पुलिस प्रशासन के साथ बैठक की जाए। इससे युवतियों को यह लगेगा कि सुरक्षा के लिए उनके साथ कम से कम पुलिस प्रशासन खड़ा है। मन से यह भावना भी खत्म हो जाएगी कि इस कठिन पथ पर वह अकेले नहीं है, उनके साथ एक बड़ा कारवां है। इसके लिए दार्जिलिंग पुलिस ने संपर्क किया गया। चुनाव में व्यस्त होने के बाद भी समय दिया गया और संतोषजनक बैठक संपन्न हुई। वर्षो बाद पहली बार सोमवार को उद्धार की गई युवतियों के चेहरे पर हंसी देखने को मिली। पुलिस से सभी युवतियां ने अपनी आपबीती सुनाई। वह अपने परिवार का बोझ नहीं परिवार को बोझ सम्मान के साथ बढ़ाना चाहती है। रंगू सौरिया ने कहा कि मानव तस्करी के क्षेत्र में काम करने वाली अन्य स्वयंसेवी संगठनों से भी वह अपील करेंगी कि वह उद्धार की गई युवतियों के जीवन उत्थान के लिए भी काम करें।
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