Kalimpong, संवाद सूत्र : भले ही मैदान के इलाकों में गर्मी का तेवर देखने और महसूस करने को मिल रहा है, लेकिन पहाड़ के विभिन्न क्षेत्र इस समय सैलानियों को खूब लुभा रहे हैं। इसका कारण यहां की प्रकृति और मौसम है। इस समय यहां मौसम काफी सुहावना हो गया है। इसके कारण हालत यह हो गई है कि पर्यटक यहां बड़ी संख्या में आ रहे हैं। कालिम्पोंग के ज्यादातर होटल, लाज व गेस्ट हाउस इस समय सैलानियों से पटे हुए हैं। सबसे खास बात यह है कि इसमें देसी पर्यटकों की आमद ज्यादा है।
इस क्षेत्र में ज्यादातर पर्यटन स्थलों पर देसी पर्यटकों की भीड़ देखी जा सकती है। इसके कारण व्यापारी भी खुश हैं, क्योंकि उनका व्यापार ठीक चल रहा है। इस समय देसी सैलानियों की भीड़ के कई कारण हैं। दरअसल यही समय है जब बच्चों की परीक्षाएं खत्म हो जाती हैं और गर्मी का सीजन शुरू हो जाने से लोग इधर-उधर जाने की प्लानिंग करने लगते हैं। ऐसे में पहाड़ की ठंडी वादियां लोगों को आकर्षित करती हैं और यहां के विभिन्न क्षेत्र लोगों से पट जाते हैं। इस बीच कालिम्पोंग में लोगों को मौसम अपनी ओर आकर्षित करता है और यहां के विभिन्न स्थान मसलन विज्ञान केंद्र, पार्क, बौद्ध मठ और यहां के अन्य पर्यटन स्थानों पर लोगों की भीड़ लग रही है। इससे स्थानीय दुकानदारों की दुकानदारी भी चमक उठी है। बातचीत में राजेंद्र व प्रीति मल्होत्रा ने कहा कि वह पिछली बार भी यहां आए थे, लेकिन अचानक बंद की घोषणा होने से उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा था। ऐसे में उन्होंने तय किया था कि वह इस बार समय से पहुंच जाएंगे और प्रकृति का आनंद लेंगे। उनके साथ उनके बच्चे भी आए हैं और पार्क में झूलों का मजा लूट रहे हैं।
इस क्षेत्र में ज्यादातर पर्यटन स्थलों पर देसी पर्यटकों की भीड़ देखी जा सकती है। इसके कारण व्यापारी भी खुश हैं, क्योंकि उनका व्यापार ठीक चल रहा है। इस समय देसी सैलानियों की भीड़ के कई कारण हैं। दरअसल यही समय है जब बच्चों की परीक्षाएं खत्म हो जाती हैं और गर्मी का सीजन शुरू हो जाने से लोग इधर-उधर जाने की प्लानिंग करने लगते हैं। ऐसे में पहाड़ की ठंडी वादियां लोगों को आकर्षित करती हैं और यहां के विभिन्न क्षेत्र लोगों से पट जाते हैं। इस बीच कालिम्पोंग में लोगों को मौसम अपनी ओर आकर्षित करता है और यहां के विभिन्न स्थान मसलन विज्ञान केंद्र, पार्क, बौद्ध मठ और यहां के अन्य पर्यटन स्थानों पर लोगों की भीड़ लग रही है। इससे स्थानीय दुकानदारों की दुकानदारी भी चमक उठी है। बातचीत में राजेंद्र व प्रीति मल्होत्रा ने कहा कि वह पिछली बार भी यहां आए थे, लेकिन अचानक बंद की घोषणा होने से उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा था। ऐसे में उन्होंने तय किया था कि वह इस बार समय से पहुंच जाएंगे और प्रकृति का आनंद लेंगे। उनके साथ उनके बच्चे भी आए हैं और पार्क में झूलों का मजा लूट रहे हैं।
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