Darjeeling, May 10 : दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद (दागोपाप) के तहत आने वाले प्राइमरी स्कूलों में विभागीय अधिकारियों पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए विभिन्न मांगों को लेकर गोरखा प्राइमरी टीचर्स आर्गेनाइजेशन ने मंगलवार से अपना चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया। इसके तहत प्रथम चरण में तीन दिन की घोषित बंदी के तहत पहले दिन हिल्स में दागोपाप के तहत आने वाले सभी शिक्षण कार्यालय बंद रहे और उन पर ताले लटके रहे। इस दौरान जीपीटीओ के केंद्रीय अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों ने आवाज बुलंद की और रिक्त पदों पर शीघ्र भरती सहित अन्य मांगों पर विचार नहीं करने पर आंदोलन और उग्र करने की घोषणा कर दी। पहले दिन इस बंद का पहाड़ में व्यापक असर रहा और शिक्षण कार्यालय बंद रहने से कोई काम-काज नहीं हुआ।
हमारे दार्जिलिंग संवाददाता के अनुसार : यहां गोरखा प्राइमरी टीचर्स आर्गेनाइजेशन के घोषित बंद का व्यापक असर रहा। हालत यह रही कि सुबह से ही कार्यालयों पर ताले लटके रहे और दागोपाप के तहत आने वाले सभी प्राथमिक शिक्षा विभाग कार्यालय बंद रहे। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने, पेंशन मामले का निबटारा करने, छात्रों को सही समय से पाठ्य पुस्तकें वितरित करने की मांग को लेकर पिछले दिनों तीन दिन प्रदर्शन के बाद कोई नतीजा नहीं निकलने से गुस्साए शिक्षक मंगलवार को तेवर में रहे। इस बीच जीपीटीओ के केंद्रीय अध्यक्ष बेंडिक गुरुंग ने कहा कि पहाड़ में शिक्षा व्यवस्था को दागोपाप के तहत आने वाले शिक्षण संस्थानों, प्राइमरी स्कूलों की पठन-पाठन की व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। इसमें तब्दीली करने व सुधार करने की गुंजाइश है, लेकिन विभागीय अधिकारी हीलाहवाली और शिथिलता का परिचय दे रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसमें परिवर्तन करना होगा और ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा। अधिकारी शिक्षकों के हितों को दरकिनार नहीं कर सकते हैं और इसमें सुधार उन्हें लाना होगा।
हमारे कर्सियांग संवाददाता के अनुसार : यहां गोरखा प्राथमिक शिक्षक संगठन के चरणबद्ध आंदोलन के तहत सभी शिक्षण कार्यालय बंद रहे। इस क्षेत्र में दागोपाप के तहत आने वाले ज्यादातर शिक्षण कार्यालयों के आसपास पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। इस बीच स्थानीय पदाधिकारियों ने कहा कि अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा छात्र, शिक्षक व पूर्व शिक्षक सभी भुगत रहे हैं। इसमें सुधार नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा। शिक्षकों के हितों का ख्याल नहीं रखा गया तो उग्र शिक्षक वृहद प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके लिए विभाग के अधिकारी दोषी हैं और पेंशन देने में भी लापरवाही की जा रही है।
हमारे कालिम्पोंग संवाद सूत्र के अनुसार : यहां गोरखा प्राथमिक शिक्षक संगठन के कार्यकर्ताओं ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शिक्षा विभाग कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ लोग कार्यालयों को खोलने के लिए पहुंचे, लेकिन इसको लेकर विरोध शुरू हो गया। इस दौरान विभागीय कर्मचारियों के बीच कहासुनी भी हुई और काफी देर हंगामे की स्थिति बनी रही। क्षेत्र के बीएल दीक्षित रोड स्थित कार्यालय के बाहर शिक्षकों ने धरना दिया और सभा की। संगठन के दाता राम शर्मा ने कहा कि अभी प्रदर्शन के दौरान स्कूल की शिक्षण व्यवस्था का भी ख्याल रखा गया है, क्योंकि संगठन यह नहीं चाहता है कि छात्रों के अध्ययन-अध्यापन पर प्रदर्शन या बंद के दौरान कोई असर पड़े। इस लिहाज से विभिन्न ईकाइयां अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन कर रही हैं।
हमारे दार्जिलिंग संवाददाता के अनुसार : यहां गोरखा प्राइमरी टीचर्स आर्गेनाइजेशन के घोषित बंद का व्यापक असर रहा। हालत यह रही कि सुबह से ही कार्यालयों पर ताले लटके रहे और दागोपाप के तहत आने वाले सभी प्राथमिक शिक्षा विभाग कार्यालय बंद रहे। प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने, पेंशन मामले का निबटारा करने, छात्रों को सही समय से पाठ्य पुस्तकें वितरित करने की मांग को लेकर पिछले दिनों तीन दिन प्रदर्शन के बाद कोई नतीजा नहीं निकलने से गुस्साए शिक्षक मंगलवार को तेवर में रहे। इस बीच जीपीटीओ के केंद्रीय अध्यक्ष बेंडिक गुरुंग ने कहा कि पहाड़ में शिक्षा व्यवस्था को दागोपाप के तहत आने वाले शिक्षण संस्थानों, प्राइमरी स्कूलों की पठन-पाठन की व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। इसमें तब्दीली करने व सुधार करने की गुंजाइश है, लेकिन विभागीय अधिकारी हीलाहवाली और शिथिलता का परिचय दे रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। इसमें परिवर्तन करना होगा और ऐसा नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा। अधिकारी शिक्षकों के हितों को दरकिनार नहीं कर सकते हैं और इसमें सुधार उन्हें लाना होगा।
हमारे कर्सियांग संवाददाता के अनुसार : यहां गोरखा प्राथमिक शिक्षक संगठन के चरणबद्ध आंदोलन के तहत सभी शिक्षण कार्यालय बंद रहे। इस क्षेत्र में दागोपाप के तहत आने वाले ज्यादातर शिक्षण कार्यालयों के आसपास पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। इस बीच स्थानीय पदाधिकारियों ने कहा कि अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा छात्र, शिक्षक व पूर्व शिक्षक सभी भुगत रहे हैं। इसमें सुधार नहीं हुआ तो आने वाले दिनों में आंदोलन तेज किया जाएगा। शिक्षकों के हितों का ख्याल नहीं रखा गया तो उग्र शिक्षक वृहद प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके लिए विभाग के अधिकारी दोषी हैं और पेंशन देने में भी लापरवाही की जा रही है।
हमारे कालिम्पोंग संवाद सूत्र के अनुसार : यहां गोरखा प्राथमिक शिक्षक संगठन के कार्यकर्ताओं ने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शिक्षा विभाग कार्यालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ लोग कार्यालयों को खोलने के लिए पहुंचे, लेकिन इसको लेकर विरोध शुरू हो गया। इस दौरान विभागीय कर्मचारियों के बीच कहासुनी भी हुई और काफी देर हंगामे की स्थिति बनी रही। क्षेत्र के बीएल दीक्षित रोड स्थित कार्यालय के बाहर शिक्षकों ने धरना दिया और सभा की। संगठन के दाता राम शर्मा ने कहा कि अभी प्रदर्शन के दौरान स्कूल की शिक्षण व्यवस्था का भी ख्याल रखा गया है, क्योंकि संगठन यह नहीं चाहता है कि छात्रों के अध्ययन-अध्यापन पर प्रदर्शन या बंद के दौरान कोई असर पड़े। इस लिहाज से विभिन्न ईकाइयां अलग-अलग स्थानों पर प्रदर्शन कर रही हैं।
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