विधानसभा चुनाव में गोरखाजनमुक्ति मोर्चा ने भाजपा को धोखा दिया। यही कारण है कि मदारीहाट सीट पर भाजपा चुनाव हार गई। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने शुक्रवार को यह बातें पत्रकारों से बात करते हुए कहीं। उनके मुताबिक विधानसभा चुनाव के दौरानप गोजमुमो अध्यक्ष विमल गुरुंग से उन्होंने स्वयं जाकर बात की थी। विमल गुरुंग से उन्होंने कहा था कि विमल अपने समर्थकों को भाजपा के पक्ष में वोट देने का निर्देश दें। उस समय विमल ने उन्हें आश्वस्त भी किया था कि वह समर्थकों को भाजपा के समर्थन का निर्देश देंगे। इसके बावजूद चुनाव के अंतिम समय में पता चला कि गोजमुमो ने भाजपा के बजाए तृकां और कांग्रेस के समर्थन में वोट देने के लिए कहा है।
राहुल सिन्हा ने कहा कि यह स्वच्छ राजनीति नहीं है। प्रदेश भाजपा हमेशा से राज्य विभाजन के विरोध करती आई है और आगे भी करती रहेगी। भाजपा सांसद जसवंत सिंह के अलग राज्य के समर्थन करने के बारे में उन्होंने कहा कि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र को लेकर राजनीति करते है। प्रदेश कमेटी का यह रुख साफ है। राज्य में माकपा की हार के बारे में उन्होंने कहा कि अब भाजपा का रास्ता साफ हो गया है। माकपा से राज्य की जनता परेशान थी। भाजपा ने चुनाव में कई स्थानों पर भारी मत प्राप्त किए है। रविवार को भाजपा के प्रदर्शन की समीक्षा भी की जाएगी। पत्रकार वार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष निपेन दास, सचिव नंदन दास, महासचिव संजीव सिकदार और वापी पाल भी उपस्थित रहे।
Darjeeling : गोरखा प्राथमिक शिक्षक संगठन (जीपीटीओ) की तरफ से आयोजित हड़ताल का शुक्रवार को आखिरी रोज था। विभिन्न मांगों को लेकर संगठन ने विगत 18 मई से सभी प्राथमिक पाठशालाओं में हड़ताल का आह्वान किया था। शुक्रवार को हड़ताल शांतिपूर्ण रही। इस वजह से पार्वत्य क्षेत्र के 774 विद्यालयों में ताले लटके रहे। इस वजह से पठन पाठन पूरी तरह से ठप रहा। उल्लेखनीय है कि संगठन द्वारा शिक्षण सत्र का आधी अवधि बीत जाने के बावजूद पाठ्य पुस्तकों का वितरण नहीं किए जाने के प्रतिवाद में हड़ताल का आह्वान किया था। जीपीटीओ के केंद्रीय सचिव भूषण थापा ने बताया कि पाठ््य पुस्तकें नहीं मिलने से विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में भारी कठिनाई हो रही थी। संगठन की ओर से जिला प्राथमिक विद्यालय परिषद के सचिव को अवगत कराने के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं आया। इसी के प्रतिवाद में यह हड़ताल बुलाई गई। श्री थापा ने कहा कि इस आंदोलन के बावजूद डीपीएससी के सचिव खामोश हैं।
राहुल सिन्हा ने कहा कि यह स्वच्छ राजनीति नहीं है। प्रदेश भाजपा हमेशा से राज्य विभाजन के विरोध करती आई है और आगे भी करती रहेगी। भाजपा सांसद जसवंत सिंह के अलग राज्य के समर्थन करने के बारे में उन्होंने कहा कि सांसद अपने संसदीय क्षेत्र को लेकर राजनीति करते है। प्रदेश कमेटी का यह रुख साफ है। राज्य में माकपा की हार के बारे में उन्होंने कहा कि अब भाजपा का रास्ता साफ हो गया है। माकपा से राज्य की जनता परेशान थी। भाजपा ने चुनाव में कई स्थानों पर भारी मत प्राप्त किए है। रविवार को भाजपा के प्रदर्शन की समीक्षा भी की जाएगी। पत्रकार वार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष निपेन दास, सचिव नंदन दास, महासचिव संजीव सिकदार और वापी पाल भी उपस्थित रहे।
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