Darjeeling,19 May,दार्जिलिंग, जागरण टीम : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता की मौत के बाद हिल्स में विभिन्न स्थानों से रैली, विरोध मार्च और सभा की गई। इस दौरान गोजमुमो नेताओं के निशाने पर गोरामुमो प्रमुख सुभाष घीसिंग रहे। वक्ताओं ने कहा कि घीसिंग ने पूरे पहाड़ का माहौल खराब कर दिया और इसके बाद यहां से कार्यकर्ता की हत्या कराकर भाग निकले। इसका विरोध जारी रहेगा और हमलावारों की गिरफ्तारी तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
हमारे दार्जिलिंग संवाददाता के अनुसार : यहां शहर में गोजमुमो ने रैली निकाली और इसमें शामिल कार्यकर्ता व नेता काली पट्टी बांधकर रैली में चल रहे थे। मोटर स्टैंड से शुरू होकर यह रैली चौरस्ता में आकर सभा में बदल गई। सभा को संबोधित करते हुए यहां के नवनिर्वाचित विधायक त्रिलोक देवान ने कहा कि सुभाष घीसिंग ने अपनी मंशा पूरी कर ली और यहां अशांति फैलाने में कामयाब रहे। इसका विरोध जारी रहेगा। इस दल का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है और बिना मतलब घीसिंग यहां राजनीतिक माहौल खराब करने आते हैं। उन्होंने अपील की है कि इस समय समस्त गोरखा समुदाय को एक साथ रहने की आवश्यकता है। इस माहौल में जो भी कार्यकर्ता गोजमुमो में आकर कार्य करना चाहता है, उसका स्वागत किया जाएगा। दूसरी ओर, क्रामाकपा के केंद्रीय प्रवक्ता गोविंद क्षेत्री ने कहा कि रबिन राई के हमलावारों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। इसके अलावा इस समय गोरामुमो-गोजमुमो दोनों दलों को संयम से कार्य करने की जरूरत है। आपस में लड़ने से किसी का फायदा नहीं है।
हमारे कर्सियांग संवाददाता के अनुसार : बंद के दौरान गोजमुमो समर्थकों ने काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया। कर्सियांग के टूरिस्ट लॉज से विरोध रैली निकाली गई। शहर की परिक्रमा करते हुए कर्सियांग मोटर स्टैंड में आकर रैली सभा में तब्दील हो गई। इसमें काफी संख्या में गोजमुमो व सहायक संगठनों के सदस्यों की उपस्थिति थी। अमीर प्रधान की अध्यक्षता में हुई सभा में गोजमुमो कर्सियांग महकमा कमेटी सदस्य रोहित स्यांगबो ने कहा कि राजनीति का मुकाबला राजनीति से कहना चाहिए, न कि हिंसा से। कारण गणतंत्र में हार व जीत दोनों होता है। विधानसभा चुनाव में पहली बार गोरामुमो को पराजय का सामना करना पड़ा है। इसलिए वह बर्दाश्त नहीं होने के फलस्वरूप रघुवीर बस्ती में हुई घटना को गोरामुमो ने अंजाम दिया। श्री स्यांगबो ने आरोप लगाया कि सुभाष घीसिंग के निर्देश पर ही गोरामुमो समर्थकों ने गोजमुमो समर्थकों पर प्राणधातक हमला हथियार से किया। जिसके कारण रबिन राई मौत का शिकार बने। उन्होंने इस घटना को अंजाम दिलाने वाले मास्टर माइंड को गिरफ्तार करने की मांग की है। इस दौरान दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग भी की गई।
हमारे कालिम्पोंग संवाद सूत्र के अनुसार : यहां विधानसभा के मंत्री मंडल के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के पूर्व कहा कि केंद्रीय प्रवक्ता व विधायक डॉ. हर्क बहादुर क्षेत्री ने कहा कि विधानसभा में अभी विधायकों का शपथ ग्रहण नहीं हुआ है। इसके बाद ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी। हालांकि घीसिंग पर दबाव बनाने और रबिन राई के हत्यारों को गिरफ्तार कराने की मांग की जाएगी। इससे पूर्व क्षेत्रीय कार्यालय से रैली निकाली गई। मेन रोड, बस स्टैंड होते हुए रैली डंबर चौक पर आकर सभा में तब्दील हो गई। इसमें गोजमुमो केंद्रीय उपाध्यक्ष कल्याण देवान ने कहा कि गोरामुमो ने जो कहा वही किया। इस पार्टी का इतिहास खूनी है और लोगों की जान लेना इस दल के कार्यकर्ताओं की फितरत में शामिल है। यह माकपा के इशारे पर चलने वाला दल हो गया है, लेकिन इस चुनाव में अपनी दुर्दशा का यह दल साक्षी हो बन गया। यहां की जनता ने गोजमुमो के उम्मीदवारों को विधानसभा में भेजकर तय कर दिया कि वह छठी अनुसूची के पक्ष में नहीं है। इसलिए घीसिंग ने तय किया कि वह चुनाव के बाद राजनीतिक माहौल खराब कर दें। इसी के बदले उन्होंने साजिश रची और गोजमुमो कार्यकर्ता की जान चली गई। सभा को नारी मोर्चा ननीता गौतम, विजय सुंदास सहित अन्य लोगों ने संबोधित किया।
हमारे पानीघाटा संवाद सूत्र के अनुसार : पानीघाटा चाय बगान श्रमिक संगठन दार्जिलिंग तराई डुर्वास प्लांटेशन लेबर यूनियन के नेतृत्व में गोजमुमो पानीघाटा शाखा, प्रशाखा युवा मोर्चा, नारी मोर्चा जोनल तथा आदिवासी जनमुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ताओं द्वारा संयुक्त रूप में मौन रैली निकाली गई। मौन जुलूस ने स्थानीय पानीघाटा चाय बगान फयाकही गेट से होते हुए पूरे क्षेत्र की परिक्रमा की और बाजार सभा में बदल गया। कार्यक्रम में सभी मोर्चा नेताओं शहीद अमर रहे तथा शहीद को नहीं भूलेंगे आदि नारे लगाए। इस दौरान सीआरपीएफ के जवान सुरक्षा व्यवस्था को संभाले हुए थे। सभा व रैली में ट्रेड यूनियन सचिव विपेन मिन्ज सभापति समीर तिस्वा, जोनल अध्यक्ष जीतमान तामंग, सचिव राजेश तामंग शाखा अध्यक्ष हिरण लोहार, केंद्रीय सदस्य विंद्र कुमार प्रधान संतोष रसाईली, प्रशाखा अध्यक्ष तिकाराम प्रधान, प्रशाखा अध्यक्ष राजू भट्टा, तथा अल्पसंख्या समुदाय के कार्यकर्ता मौजूद थे।
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