DARJEELING : पिछले वर्ष अखिल भारतीय गोरखालीग के पूर्व अध्यक्ष मदन तमांग की हत्या में आरोपी बनाए गए निकल तमांग को पेश करने में सीआइडी लापरवाही कर रही है। इस मामले में हत्याकांड की जांच कर रही यह एजेंसी कहानी बना रही है और इसे गोरखा जनमुक्ति मोर्चा, युवा मोर्चा और नारी मोर्चा सहित अन्य इकाइयों के कार्यकर्ता इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। जनता के सामने निकल को नहीं लाया गया तो इसके खिलाफ संगठन का आंदोलन आने वाले दिनों में तेज होगा।
यह बातें शुक्रवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की ओर से निकाली गई रैली के बाद चौक बाजार में हुई सभा में वक्ताओं ने व्यक्त किए। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा टाउन कमेटी के सचिव नारायण प्रधान ने कहा कि सीआइडी में कहानीकारों की लंबी-चौड़ी जमात आ गई है। निकल तमांग को जबरन आरोपी बनाने से लगायत गोजमुमो कार्यकर्ताओं को निशाने पर लिया गया और पार्टी के खिलाफ प्रशासन ने अपनी भूमिका निभाई। यह एकतरफा कार्रवाई थी और इसका विरोध जारी रहेगा। फिलहाल जांच एजेंसी को मोहलत दी गई है कि कुछ दिन में निकल को सामने लाया गया तो मामला थम सकता है, लेकिन हीलाहवाली वाला रूख बना रहा तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होना तय है। इसके लिए सीधे तौर जांच एजेंसी ही दोषी होगी और प्रदर्शन जारी रहेंगे। गोजमुमो कार्यकर्ता दीपेन माले को भी जबरन अभियुक्त बनाया गया है। उनका नाम चार्जशीट में भी नहीं था और इसके बावजूद उन्हें अभियुक्त बनाया गया। गौरतलब है कि पिछले वर्ष मदन तमांग की हत्या के कुछ दिनों के ही अंदर गोजमुमो कार्यकर्ता निकल तमांग को गिरफ्तार किया गया था और कुछ दिनों बाद ही वह कथित तौर पर सीआइडी की हिरासत से फरार हो गया था। इसके बाद से अब तक निकल का पता नहीं चल पाया है और बच्चे के बरामदगी के लिए परिजनों ने कोलकाता उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर भी की है। इस बीच शनिवार को दीपेन माले को स्थानीय सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। दीपेन माले को कुछ दिनों पूर्व सीबीआइ ने पोखरेबुंग से गिरफ्तार किया था। रैली व सभा में डीवी गुरुंग सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किये।
यह बातें शुक्रवार को गोरखा जनमुक्ति मोर्चा की ओर से निकाली गई रैली के बाद चौक बाजार में हुई सभा में वक्ताओं ने व्यक्त किए। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा टाउन कमेटी के सचिव नारायण प्रधान ने कहा कि सीआइडी में कहानीकारों की लंबी-चौड़ी जमात आ गई है। निकल तमांग को जबरन आरोपी बनाने से लगायत गोजमुमो कार्यकर्ताओं को निशाने पर लिया गया और पार्टी के खिलाफ प्रशासन ने अपनी भूमिका निभाई। यह एकतरफा कार्रवाई थी और इसका विरोध जारी रहेगा। फिलहाल जांच एजेंसी को मोहलत दी गई है कि कुछ दिन में निकल को सामने लाया गया तो मामला थम सकता है, लेकिन हीलाहवाली वाला रूख बना रहा तो आने वाले दिनों में उग्र आंदोलन होना तय है। इसके लिए सीधे तौर जांच एजेंसी ही दोषी होगी और प्रदर्शन जारी रहेंगे। गोजमुमो कार्यकर्ता दीपेन माले को भी जबरन अभियुक्त बनाया गया है। उनका नाम चार्जशीट में भी नहीं था और इसके बावजूद उन्हें अभियुक्त बनाया गया। गौरतलब है कि पिछले वर्ष मदन तमांग की हत्या के कुछ दिनों के ही अंदर गोजमुमो कार्यकर्ता निकल तमांग को गिरफ्तार किया गया था और कुछ दिनों बाद ही वह कथित तौर पर सीआइडी की हिरासत से फरार हो गया था। इसके बाद से अब तक निकल का पता नहीं चल पाया है और बच्चे के बरामदगी के लिए परिजनों ने कोलकाता उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर भी की है। इस बीच शनिवार को दीपेन माले को स्थानीय सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। दीपेन माले को कुछ दिनों पूर्व सीबीआइ ने पोखरेबुंग से गिरफ्तार किया था। रैली व सभा में डीवी गुरुंग सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किये।
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