DARJEELING, JULY 12: जनमुक्ति अस्थायी कर्मचारी संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष मचिंद्र सुब्बा ने कहा कि दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों का भविष्य गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग के हाथ में है। इसको लेकर सभी कर्मचारी आस लगाए बैठे हैं। उन्हें उम्मीद है कि उनके नेता बड़े कदम उठाए जाएंगे।
मंगलवार को बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि विमल गुरुंग इसके लिए प्रयासरत हैं और पूर्व में भी उन्होंने इसके लिए प्रयास किया है। पिछले दिनों राज्य सरकार से हुई वार्ता के बाद अस्थायी कर्मचारियों में नई उम्मीद का संचार हुआ है। वर्ष 1988 में दागोपाप के गठन के बाद से ही यहां कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों की हालत दयनीय होती जा रही है, लेकिन इसमें किसी भी प्रकार की मदद के लिए कोई आगे नहीं आया है। उस समय परिषद में 6321 अस्थायी कर्मचारियों को परिषद में भर्ती किया गया था, लेकिन स्थायी करण के नाम पर सिर्फ सरकार आश्वासन देती रही। लगातार अस्थायी कर्मचारी उपेक्षित रहे। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था का हिल्स पर काफी सकारात्मक असर पड़ेगा और आने वाले दिनों में विकास कार्यो में तेजी आएगी। पहाड़ में कई दिनों से विकास कार्य नहीं हुए हैं और इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ता है। ऐसे में नई व्यवस्था लागू होने से लोगों को रोजगार मिलेगा, चिकित्सा सेवाओं का विस्तार होगा, पर्यटन की संभावना बढ़ेगी, शिक्षा के साथ कई विकास कार्य होंगे। ऐसे में हिल्स में नई व्यवस्था यहां के लोगों के लिए सौगात की तरह है।
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