यहां पैसा देने पर भी नहीं मिलता है पानी

Kurseong, निज संवाददाता : ऐसा नहीं है कि पहाड़ में पेयजल की समस्या नई है। यहां के ज्यादातर क्षेत्र इस समस्या से जूझ रहे हैं और प्रतिदिन पानी को लेकर किचकिच होना सामान्य बात है। इससे कर्सियांग भी अछूता नहीं है। यहां इस समय हालात बद से बदतर हो गए हैं। स्थिति यह है कि क्षेत्र से करीब छह किलोमीटर दूर स्थित सिपाहीधुरा व गोथल्स में प्राकृतिक स्त्रोतों की कमी के कारण पेयजल की किल्लत बढ़ती जा रही है। यहां लोगों को पैसा देने के बावजूद भी पानी नहीं मिल रहा है।
क्षेत्रीय नगर पालिका के विभिन्न वार्डो में पानी की समस्या गहराती जा रही है और लोगों की हालत खराब हो गई है। पेयजल के लिए सुबह से ही लोगों को बर्तन लेकर इधर-उधर घूमते देखा जा सकता है। इसके कारण कई लोगों ने विभिन्न स्थानों से वाहनों द्वारा पानी मंगाना शुरू कर दिया है और इसमें वृद्धि के कारण ही अब हालत बिगड़ती जा रही है। दरअसल पानी की किल्लत होने का मुख्य कारण बारिश नहीं होना है। इसके कारण जल स्त्रोत सूख जाते हैं और पानी के लिए हाय तौबा होने लगती है। बताया गया कि कर्सियांग क्षेत्र में पानी देने वाले करीब 15 पिकअप वाहन हैं। इसी से पानी खरीदा जाता है। यहां ढाई सौ से तीन सौ रुपए में 15 सौ लीटर पानी मिलता है। पानी लेने के लिए लोगों की कतारें लगी रहती हैं और इसके लिए कभी-कभी मारामारी की स्थिति पैदा हो जाती है। पानी की किल्लत बढ़ने का एक कारण यह है कि पूर्व में नगर पालिका दिन में दो बार पानी आता था, लेकिन बीते कुछ दिन से दिन में एक ही बार पानी आता है। इसके कारण अधिकारी पानी नहीं बरसने की दुहाई देते हैं। उनका कहना है कि जनसंख्या बढ़ने के कारण पानी की समस्या बढ़ी है और जल संग्रह नहीं होने से स्थिति विकट होती जा रही है। पेयजल की समस्या दूर करने के लिए कई परियोजनाएं भी पूर्व में शुरू की गई थी, लेकिन उन पर अमल नहीं होने से मामला जस का तस बना हुआ है।
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