Kalimpong(कालिम्पोंग)संवाद सूत्र: गोरखा प्राइमरी टीचर्स आर्गनाइजेशन के आह्वान पर सोमवार को पहाड़ के सभी शिक्षण संस्थान बंद रहे। कालिम्पोंग स्थित सभी सरकारी, गैर सरकारी, प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च माध्यमिक, आईसीएसई , सीबीएसई स्कूल व कालेज बंद रहे। जीपीटीओ ने ग्यारह सूत्री मांगों की तरफ दागोपाप के शिक्षाधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के जीपीटीओ ने आंदोलन का रूख कड़ा किया। स्थानीय डंबर चौक पर जीपीटीओ के सदस्यों ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान कालिम्पोंग जीपीटीओ अध्यक्ष स्वराज गुरूंग, सचिव दाताराम शर्मा तथा सैकड़ों जीपीटीओ कार्यकर्ता मौजूद थे। सभी स्कूल परिसरों में सन्नाटा छाया हुआ था।
पूर्व सैनिक मोर्चा की रैली निकली
Kalimpong, संवाद सूत्र : नौ अप्रैल 2008 को सिलीगुड़ी में भारतीय गोरखा पूर्व सैनिक, अर्द्धसैनिक मोर्चा द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से रैली निकाली गई।
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विदित हो कि बंगाल पुलिस ने वर्ष 2008 में नौ अप्रैल को सिलीगुड़ी रैली निकाल रहे निहत्थे पूर्व सैनिकों पर लाठीचार्ज करके घायल कर दिया था। उस घटना के खिलाफ पूर्व सैनिक मोर्चा ने आंदोलन किया था जिसमें सरकार ने एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन 20 मई वर्ष 2008 को बनाया था। मगर अभी तक उक्त रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया गया। यह जानकारी पूर्व सैनिक मोर्चा के केंद्रीय समिति के अध्यक्ष कर्नल रमेश आले ने कही। उन्होंने बताया कि वर्ष 2005 के सूचना अधिकार के तहत उक्त घटना की रिपोर्ट मांगी गई पर जवाब नहीं मिला। अब हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सिब्चू में जीएलपी सदस्यों की निर्ममता पूर्वक हत्या की गई उसकी सीबीआई जांच की मांग की है। पूर्व कर्नल रमेश आले ने कहा कि बंगाल की सरकार का परिवर्तन हुआ है और उम्मीद है कि वर्तमान सरकार पूर्व सैनिकों की समस्याओं पर ध्यान देगी। पूर्व कर्नल रमेश आले ने कहा कि हमें ममता बनर्जी से काफी उम्मीद है, साथ ही रबिन राई की हत्या में लिप्त लोगों को पकड़ने की मांग की, इससे पूर्व उक्त घटनाओं के विरोध में तथा संबंधित मांगों को लेकर पूर्व सैनिक मोर्चा के सदस्यों ने स्थानीय चेस्ट क्लीनिक स्थित जीएलपी कार्यालय से जीएलपी सदस्यों के साथ रैली निकाली। जो शहर की परिक्रमा करते हुए महकमा अधिकारी कार्यालय के बाहर पहुंचकर समाप्त हुई। जहां पर सैनिक मोर्चा की ओर से महकमा अधिकारी एलएन शेर्पा को ज्ञापन सौंपा गया। इस दौरान मुख्य रूप से पूर्व कर्नल रमेश आले के अलावा, अलबर्ट लेप्चा भी मौजूद थे। ज्ञापन प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल, केंद्रीय रक्षा मंत्री, गृहमंत्री, सभी गोरखा रेजीमेंट प्रशिक्षण केंद्रों के कमांडरों, तीनों सेना के मेजर जनरल को भी भेजा गया है।
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