Darjeeling,May11 : रिक्त पदों को भरने, सेवानिवृत्त शिक्षकों के पेंशन वितरण में हीलाहवाली बरतने और प्राथमिक स्कूलों के छात्रों में पाठ्य पुस्तकों को बांटने में लापरवाही सहित अन्य मांगों को लेकर गोरखा प्राइमरी टीचर्स आर्गेनाइजेशन के तेवर में इजाफा होता जा रहा है। मंगलवार से शुरू आंदोलन के तहत दागोपाप के शिक्षण कार्यालय बुधवार को भी बंद रहे। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर धरना-प्रदर्शन भी हुए और दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद प्रशासक सहित अन्य अधिकारियों के कार्यशैली की निंदा की गई। संगठन के कार्यकर्ताओं ने कहा कि यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज किया जाएगा।
हमारे दार्जिलिंग संवाददाता के अनुसार : गोरखा प्राइमरी शिक्षक संगठन के महासचिव बी थापा ने कहा कि दागोपाप के तहत आने वाले प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के हितों की परवाह नहीं की जा रही है। सभी मांगों को दरकिनार किया जा रहा है और लापरवाही का मंत्र अधिकारियों ने आत्मसात कर लिया है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आने वाले दिनों में आंदोलन उग्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह चरणबद्ध आंदोलन शिक्षकों के साथ छात्रों के हित के लिए किया जा रहा है और इसमें सभी को सहायता देनी होगी। उन्होंने बताया कि आंदोलन रंग ला रहा है और इससे लोग जुड़ रहे हैं। यही वजह है कि बंद के दूसरे दिन भी किसी भी कार्यालय के ताले नहीं खुले और सफल बंदी रही। पहाड़ के छात्रों और शिक्षकों की स्थिति इस समय सबसे बुरी है। पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। यह सीधे तौर पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है और आजीवन लोगों को शिक्षा देने वाले शिक्षकों को सेवा समाप्त करने के बाद उनके हक पेंशन देने में जान बूझकर हीलाहवाली की जा रही है। प्रशासन की मंशा स्पष्ट नहीं है, लेकिन आर्गेनाइजेशन ने तय कर लिया है कि आंदोलन के साथ कोई समझौता नहीं होगा और इसके लिए हर लड़ाई लड़ी जाएगी। कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी तो सामूहिक अनशन किया जाएगा।
हमारे कर्सियांग संवाददाता के अनुसार : यहां भी दागोपाप के तहत आने वाले सभी शिक्षण कार्यालय बंद रहे और संगठन के नेता सड़कों पर खड़े रहे। इस दौरान उन्होंने प्रशासन की निंदा की और मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती नहीं करने से पहाड़ की शैक्षणिक व्यवस्था पटरी से उतरती जा रही है और छात्रों के भविष्य को भी बर्बाद किया जा रहा है।
हमारे कालिम्पोंग संवाद सूत्र के अनुसार : यहां पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जीपीटीओ के कार्यकर्ताओं दूसरे दिन महकमा के प्राथमिक शिक्षा कार्यालय खुले रहने पर अधिकारियों का घेराव किया और कार्यालय को बंद कराया गया। इस दौरान सभा भी हुई। इसमें जीपीटीओ के स्थानीय अध्यक्ष स्वराज गुरुंग ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन जारी रहेगा और इसके लिए दागोपाप प्रशासक दोषी होंगे। संगठन 11 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और इसमें उन्हें अन्य शिक्षकों का भी समर्थन प्राप्त है।
हमारे दार्जिलिंग संवाददाता के अनुसार : गोरखा प्राइमरी शिक्षक संगठन के महासचिव बी थापा ने कहा कि दागोपाप के तहत आने वाले प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों के हितों की परवाह नहीं की जा रही है। सभी मांगों को दरकिनार किया जा रहा है और लापरवाही का मंत्र अधिकारियों ने आत्मसात कर लिया है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और आने वाले दिनों में आंदोलन उग्र किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह चरणबद्ध आंदोलन शिक्षकों के साथ छात्रों के हित के लिए किया जा रहा है और इसमें सभी को सहायता देनी होगी। उन्होंने बताया कि आंदोलन रंग ला रहा है और इससे लोग जुड़ रहे हैं। यही वजह है कि बंद के दूसरे दिन भी किसी भी कार्यालय के ताले नहीं खुले और सफल बंदी रही। पहाड़ के छात्रों और शिक्षकों की स्थिति इस समय सबसे बुरी है। पढ़ाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। यह सीधे तौर पर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ है और आजीवन लोगों को शिक्षा देने वाले शिक्षकों को सेवा समाप्त करने के बाद उनके हक पेंशन देने में जान बूझकर हीलाहवाली की जा रही है। प्रशासन की मंशा स्पष्ट नहीं है, लेकिन आर्गेनाइजेशन ने तय कर लिया है कि आंदोलन के साथ कोई समझौता नहीं होगा और इसके लिए हर लड़ाई लड़ी जाएगी। कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी तो सामूहिक अनशन किया जाएगा।
हमारे कर्सियांग संवाददाता के अनुसार : यहां भी दागोपाप के तहत आने वाले सभी शिक्षण कार्यालय बंद रहे और संगठन के नेता सड़कों पर खड़े रहे। इस दौरान उन्होंने प्रशासन की निंदा की और मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती नहीं करने से पहाड़ की शैक्षणिक व्यवस्था पटरी से उतरती जा रही है और छात्रों के भविष्य को भी बर्बाद किया जा रहा है।
हमारे कालिम्पोंग संवाद सूत्र के अनुसार : यहां पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत जीपीटीओ के कार्यकर्ताओं दूसरे दिन महकमा के प्राथमिक शिक्षा कार्यालय खुले रहने पर अधिकारियों का घेराव किया और कार्यालय को बंद कराया गया। इस दौरान सभा भी हुई। इसमें जीपीटीओ के स्थानीय अध्यक्ष स्वराज गुरुंग ने कहा कि आने वाले दिनों में आंदोलन जारी रहेगा और इसके लिए दागोपाप प्रशासक दोषी होंगे। संगठन 11 मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और इसमें उन्हें अन्य शिक्षकों का भी समर्थन प्राप्त है।
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