Kurseong,may8: भारतीय भूतपूर्व गोरखा सैनिक मोर्चा के अध्यक्ष कर्नल रमेश आले ने कहा कि गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा प्रमुख सुभाष घीसिंग भूतपूर्व सैनिकों में फूट डालना चाहते हैं। वह फिर से सैनिकों का संगठन गोरामुमो के तहत बनाना चाहते हैं और पूर्व में दो बार सैनिकों के ही बूते संगठन बनाया था। घीसिंग ने कहा था कि सैनिकों व पूरे पहाड़ के लोगों को जब तक गोरखालैंड नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा। वर्ष 1986 में इसको लेकर काफी संघर्ष हुआ और कई सैनिकों को अपने जान से हाथ धोना पड़ा।
रविवार को बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सुभाष घीसिंग इस समय कह रहे हैं कि उन्होंने कभी भी गोरखालैंड की बात नहीं की और इसके गठन से भी इस समय वह आनाकानी कर रहे हैं। इसका कारण है कि वह छठी अनुसूची को पहाड़ में लागू कराना चाहते हैं और गोरखा समुदाय के बीच फूट डालना चाहते हैं। यह बात यहां की जनता समझ चुकी है और किसी भी कीमत पर छठी अनुसूची या काउंसिल लागू नहीं होने दिया जाएगा। इस समय भारतीय भूतपूर्व सैनिक मोर्चा का गठन गोरखालैंड के लिए किया गया है और यह दल गांधीवादी तरीके से आंदोलन करता है और सुभाष घीसिंग रंग बदलने वाले व्यक्ति हैं। ऐसे लोगों से पहाड़ की जनता का मोह भंग हो चुका है और इसका समय मिलते ही वह जवाब देगी। गोरखालैंड का मुद्दा सभी गोरखाओं की अस्मिता से जुड़ा हुआ है और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। आने वाले दिनों में इसको लेकर सभी को एकजुट किया जाएगा और अपनी मांग को पूरा कराया जाएगा।
रविवार को बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि सुभाष घीसिंग इस समय कह रहे हैं कि उन्होंने कभी भी गोरखालैंड की बात नहीं की और इसके गठन से भी इस समय वह आनाकानी कर रहे हैं। इसका कारण है कि वह छठी अनुसूची को पहाड़ में लागू कराना चाहते हैं और गोरखा समुदाय के बीच फूट डालना चाहते हैं। यह बात यहां की जनता समझ चुकी है और किसी भी कीमत पर छठी अनुसूची या काउंसिल लागू नहीं होने दिया जाएगा। इस समय भारतीय भूतपूर्व सैनिक मोर्चा का गठन गोरखालैंड के लिए किया गया है और यह दल गांधीवादी तरीके से आंदोलन करता है और सुभाष घीसिंग रंग बदलने वाले व्यक्ति हैं। ऐसे लोगों से पहाड़ की जनता का मोह भंग हो चुका है और इसका समय मिलते ही वह जवाब देगी। गोरखालैंड का मुद्दा सभी गोरखाओं की अस्मिता से जुड़ा हुआ है और इससे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। आने वाले दिनों में इसको लेकर सभी को एकजुट किया जाएगा और अपनी मांग को पूरा कराया जाएगा।
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