गोरखालैंड का विकल्प छठी अनुसूची :भूटिया

Kurseong,May 8:  लगभग तीन साल मौन रहे गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा अपनी मजबूती के लिए फिर से सक्रिय हो गया है। रविववार को जीएनएलएफ कर्सियांग शाखा की सभा स्थानीय गोदुनिस भवन में हुई। इसमें कर्सियांग शाखा सभापति पाल्देन दोर्जी भूटिया की अध्यक्षता में हुई सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने छठी अनुसूची को लेकर आवाज बुलंद की। इस दौरान उन्होंने गोजमुमो द्वारा तैयार अंतरिम प्राधिकरण की तुलना में छठी अनुसूची को अधिक शक्तिशाली बताया।
उन्होंने कहा कि गोरखा हिल काउंसिल का गठन होना चाहिए। पाल्देन दोर्जी भूटिया ने कहा कि वर्तमान में गोरखालैंड राज्य का निर्माण असंभव है। ऐसे इसका एक ही विकल्प छठी अनुसूची ही है। सिक्किम विधानसभा में गोरखालैंड गठन का प्रस्ताव पारित किये जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव का कोई औचित्य नहीं है। 13 मई के बाद फिर अंतरिम प्राधिकरण मांगने पर इस प्रस्ताव का क्या होगा और इसका औचित्य क्या रहेगा। उन्होंने सिक्किम के मुख्यमंत्री डा. पवन चामलिंग को दार्जिलिंग की राजनीति को गौर से समझे बगैर कोई कार्य नहीं करने का सुझाव भी दिया। गोजमुमो के नाम नहीं लेते हुए उन्होंने बिजली के बिल भुगतान के संदर्भ में कहा कि उनके नेताओं ने बिजली के बिल का भुगतान नहीं किया। जीएनएलएफ कर्सियांग शाखा कोषाध्यक्ष आनंद राई ने कहा कि गोरखालैंड की बजाय छठी अनुसूची से ही गोरखा समुदाय की पहचान बनेगी। कल्याण तामंग ने गोजमुमो पर राजनीति करने का आरोप लगाया और चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जीएनएलएफ का डू आर डाई कार्यक्रम को अभी तक स्थगित रखा गया है। जीएनएलएफ समर्थकों पर अन्याय व अत्याचार होने पर इस कार्यक्रम को आरंभ किया जाएगा। कर्सियांग शाखा महासचिव रबिन लामा ने अपने संबोधन में कहा कि पहाड़ अशांत परिवेश को शांत बनाने व स्वच्छ राजनैतिक परिवेश बनाने के लिए जीएनएलएफ नए रूप में आने का उल्लेख किया। सभा को जीएनएलएफ नेतृत्वों निमा लामा, अर्जुन राई, संजय क्षेत्री सहित अन्य नेताओं ने संबोधित किया।
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