Kurseong : पिछले वर्ष 16 जून 2010 की रात नौ बजे कर्सियांग थाना परिसर में गोरखा जनमुक्ति नारी मोर्चा द्वारा दिये जा रहे शांतिपूर्ण धरना पर कर्सियांग के एसडीपीओ राकेश सिंह के आदेश से पुलिस अभियान के तहत लोगों की निर्मम पिटाई की जांच के लिए शनिवार को लाठी प्रहार कांड की न्यायिक जांच कराने के लिए कर्सियांग महकमा अदालत में शिकायत पत्र दाखिल किया गया है। गोजमुमो कर्सियांग महकमा कमेटी के अध्यक्ष चुन्नू बहादुर सिंह ने यह शिकायती पत्र दाखिल करके इसकी न्यायिक जांच और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।
श्री सिंह की ओर से अधिवक्ता अशोक वर्मा ने पत्र दाखिल किया है। इसके लिए सुनवाई की तिथि 24 जून 2011 को निर्धारित की गई है। श्री सिंह ने आरोप लगाया है कि इस कांड में नारी मोर्चा की कई कार्यकर्ता घायल हुई थी व अस्पताल में उपचार करा रही थी। इस घटना को लेकर महकमा कमेटी की ओर से विरोध प्रकट करते हुए कर्सियांग थाने में प्राथमिकी भी दायर की गई थी, लेकिन आरोपियों को बचाने में पुलिस की निष्क्रियता बड़ी भूमिका निभाई। यही वजह थी कि अब तक इस मामले में आरोपियों को पकड़ा नहीं जा सका और न ही किसी को सजा मिल पाई। इस दौरान एक बात और सामने आई कि इस मामले को छिपाने के लिए भी साजिश की गई।
उन्होंने कहा कि कर्सियांग महकमा क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन द्वारा कुछ आरोपियों का नाम लेकर गांव-घर में हिंसा फैलाई जा रही है। इसके कारण जनता में अशांति व आतंक हो गया है। पुलिस लोगों में खौफ पैदा करने में लगी है और इससे जनता में असुरक्षा का भाव जगह बना रहा है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में सभी को वाक व अभिव्यक्ति का अधिकार है और यह कोई भी कर सकता है। ऐसे में अपने हक एवं अधिकारों के लिए गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज करना निंदनीय है। लाठी प्रहार कांड की न्यायिक जांच करने की मांग से कर्सियांग की राजनीति में नया मोड़ ले लिया है। इसको लेकर पूरे दिन लोगों में चर्चा होती रही।
श्री सिंह की ओर से अधिवक्ता अशोक वर्मा ने पत्र दाखिल किया है। इसके लिए सुनवाई की तिथि 24 जून 2011 को निर्धारित की गई है। श्री सिंह ने आरोप लगाया है कि इस कांड में नारी मोर्चा की कई कार्यकर्ता घायल हुई थी व अस्पताल में उपचार करा रही थी। इस घटना को लेकर महकमा कमेटी की ओर से विरोध प्रकट करते हुए कर्सियांग थाने में प्राथमिकी भी दायर की गई थी, लेकिन आरोपियों को बचाने में पुलिस की निष्क्रियता बड़ी भूमिका निभाई। यही वजह थी कि अब तक इस मामले में आरोपियों को पकड़ा नहीं जा सका और न ही किसी को सजा मिल पाई। इस दौरान एक बात और सामने आई कि इस मामले को छिपाने के लिए भी साजिश की गई।
उन्होंने कहा कि कर्सियांग महकमा क्षेत्र में पुलिस-प्रशासन द्वारा कुछ आरोपियों का नाम लेकर गांव-घर में हिंसा फैलाई जा रही है। इसके कारण जनता में अशांति व आतंक हो गया है। पुलिस लोगों में खौफ पैदा करने में लगी है और इससे जनता में असुरक्षा का भाव जगह बना रहा है। उन्होंने कहा कि आजाद भारत में सभी को वाक व अभिव्यक्ति का अधिकार है और यह कोई भी कर सकता है। ऐसे में अपने हक एवं अधिकारों के लिए गांधीवादी तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज करना निंदनीय है। लाठी प्रहार कांड की न्यायिक जांच करने की मांग से कर्सियांग की राजनीति में नया मोड़ ले लिया है। इसको लेकर पूरे दिन लोगों में चर्चा होती रही।
Post a Comment
We love to hear from you! What's on your mind?