Mar 23,
(JAGARAN)दार्जिलिंग, जागरण प्रतिनिधि : आगामी 18 अप्रैल को उत्तर बंगाल के विभिन्न जिलों सहित पार्वत्य क्षेत्र में विधान सभा चुनाव को लेकर मतदान होना है। इसको लेकर पहाड़ की राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। छोटे से लेकर वृहद जनाधार वाले दल आकर्षक मुद्दों से मतदाताओं को रिझाने के प्रयास में लगे हुए हैं। इसको लेकर जगह जगह चुनावी सभाएं व बैठकें भी की जा रही हैं। पहाड़ में पिछले दो साल से निष्क्रिय समझे जाने वाले गोरामुमो ने भी प्रत्याशियों की सूची जारी कर चुनावी माहौल को हवा दे दी है। यह दल छठी अनुसूची के तहत पहाड़ को स्वायत्त शासन को पहाड़ की जनता के लिए आदर्श बताकर चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। उधर, माकपा भी चुनावी लड़ाई के लिए कमर कस चुकी है। उसे पता है कि पहाड़ की अस्सी फीसदी आबादी चाय बागानों में कार्यरत है। इसलिए उसने चाय श्रमिकों की मांगों को अपने चुनाव घोषणापत्र में प्रमुखता दी है। इन श्रमिकों के लिए घर एवं जमीन का पट्टा दिए जाने को भी मुद्दे बनाए गए हैं। पार्टी के नेता चाय बागानों में बैठकें आयोजित कर जनमत को अपने पक्ष में करने की दिशा में प्रयासरत हैं। इन बागानों में चुनाव कमेटियों का गठन कर माकपा अपने पैर एक बार फिर से जमाने की जुगत में है। वहीं, अखिल भारतीय गोरखा लीग ने पहाड़ में शांति व गणतंत्र को अपना मुख्य औजार बनाकर गोरखालैंड राज्य के गठन को मूल मकसद घोषित कर रखा है। इसके नेता व कार्यकर्ता पहाड़ से लेकर समतल इलाकों में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं। हिल्स कांग्रेस ने पहाड़ को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिलाने को मुद्दा बनाकर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। विदित हो कि 1986 से हिल्स कांग्रेस यह मांग करती आई है। इसी मुद्दे को लेकर उसने तीनों प्रमुख सीट से अपने प्रत्याशी घोषित भी कर दिए हैं। भाजपा ने गोजमुमो के आंदोलन को समर्थन दिए जाने का वास्ता देकर चुनाव मैदान में कूदने जा रही है। उसका दावा है कि यदि गोजमुमो भाजपा के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ता है तो यह पहाड़ के संपूर्ण हित में होगा। पहाड़ की सर्वाधिक शक्तिशाली पार्टी गोजमुमो विगत चार साल के अपने आंदोलन के दमपर जनता के समक्ष जा रही है। उसका मुख्य मुद्दा गोरखालैंड राज्य है जिसके लिए वह आंदोलन चला रही है। यहां तक कि वह पहाड़ में गोरखालैंड पर आम सहमति के आधार पर साझा प्रत्याशी दिए जाने को लेकर सर्वदलीय बैठक की पहल भी कर चुकी है। अब देखना है कि पहाड़ व तराई डुवार्स की गोरखाली जनता किन किन उम्मीदवारों को विजयश्री का माला पहनाती है।
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