Kalimpong,May 6, संवाद सूत्र : क्षेत्र में सुबह जब लोग घर से बाहर निकले तो वह सन्न रह गए। इसका कारण क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर चिपके पोस्टर थे। एक अनजाने दल (एजीवाइएफ) ने इन पोस्टरों में लिखा था कि गोरखा जनमुक्ति मोर्चा प्रमुख विमल गुरुंग व गोरखा राष्ट्रीय मुक्ति मोर्चा प्रमुख सुभाष घीसिंग पहाड़ के युवाओं को धोखा दे रहे हैं। युवाओं को इस पर ध्यान देना चाहिए नहीं तो उनके भविष्य से यह यूं ही खेलते रहेंगे और उनका भविष्य खराब हो जाएगा।
सुबह-सुबह जब लोगों ने विभिन्न स्थानों पर यह पोस्टर देखे तो उनके बीच इस बात को लेकर पहले यह चर्चा हुई कि आखिर यह नया दल कौन है जो युवाओं के पक्ष में बोल रहा है और विमल व सुभाष को निशाने पर ले रहा है। पोस्टरों में कहा गया है कि विमल गुरुंग गोरखालैंड के नाम पर पूरे पहाड़ की जनता को बरगला रहा है और इसे समझने की जरूरत है। वह किसी का भविष्य नहीं देख रहा है और अपना हित साधने में लगा हुआ है। यही हाल सुभाष घीसिंग का भी है। यह दोनों दल युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने में लगे हुए हैं और समय रहते जो नहीं चेतेगा उसकी जिंदगी बर्बाद होना तय है। इनके पास इतना रुपया है कि वह अपनी पांच पुस्तों को बैठे-बैठे खिला सकते हैं और इनके पास जो धन है, उसकी थाह मिलना मुश्किल है। इसके अलावा यह भी लिखा गया है कि अखिल भारतीय गोरखालीग के पूर्व अध्यक्ष मदन तमांग के हत्यारों को पकड़ने में जान-बूझकर कोताही बरती जा रही है और यही वजह है कि आज भी हत्यारे पहाड़ की सड़कों पर खुले घूम रहे हैं। प्रदेश की सरकार इसमें मूक दर्शक की भूमिका निभा रही है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पोस्टर में प्रदेश सरकार से विभिन्न मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई है और ऐसा नहीं करने पर पहाड़ का माहौल बिगड़ने का अंदेशा भी जताया गया है। अन्य मुद्दों पर भी युवाओं को एक मत होने का आह्वान किया गया है और गोरखालैंड व छठी अनुसूची की बजाय अपना कैरियर बनाने की अपील की गई है। पोस्टर में इस दल ने स्पष्ट किया है कि वह हिंसा नहीं बल्कि अहिंसा पर विश्वास रखता है और सभी दलों से अपील की है कि वह भी युवाओं के जीवन से खिलवाड़ नहीं करें। पोस्टर को लेकर पूरे दिन क्षेत्र में चर्चा होती रही।
सुबह-सुबह जब लोगों ने विभिन्न स्थानों पर यह पोस्टर देखे तो उनके बीच इस बात को लेकर पहले यह चर्चा हुई कि आखिर यह नया दल कौन है जो युवाओं के पक्ष में बोल रहा है और विमल व सुभाष को निशाने पर ले रहा है। पोस्टरों में कहा गया है कि विमल गुरुंग गोरखालैंड के नाम पर पूरे पहाड़ की जनता को बरगला रहा है और इसे समझने की जरूरत है। वह किसी का भविष्य नहीं देख रहा है और अपना हित साधने में लगा हुआ है। यही हाल सुभाष घीसिंग का भी है। यह दोनों दल युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने में लगे हुए हैं और समय रहते जो नहीं चेतेगा उसकी जिंदगी बर्बाद होना तय है। इनके पास इतना रुपया है कि वह अपनी पांच पुस्तों को बैठे-बैठे खिला सकते हैं और इनके पास जो धन है, उसकी थाह मिलना मुश्किल है। इसके अलावा यह भी लिखा गया है कि अखिल भारतीय गोरखालीग के पूर्व अध्यक्ष मदन तमांग के हत्यारों को पकड़ने में जान-बूझकर कोताही बरती जा रही है और यही वजह है कि आज भी हत्यारे पहाड़ की सड़कों पर खुले घूम रहे हैं। प्रदेश की सरकार इसमें मूक दर्शक की भूमिका निभा रही है और कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। पोस्टर में प्रदेश सरकार से विभिन्न मामलों में आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की गई है और ऐसा नहीं करने पर पहाड़ का माहौल बिगड़ने का अंदेशा भी जताया गया है। अन्य मुद्दों पर भी युवाओं को एक मत होने का आह्वान किया गया है और गोरखालैंड व छठी अनुसूची की बजाय अपना कैरियर बनाने की अपील की गई है। पोस्टर में इस दल ने स्पष्ट किया है कि वह हिंसा नहीं बल्कि अहिंसा पर विश्वास रखता है और सभी दलों से अपील की है कि वह भी युवाओं के जीवन से खिलवाड़ नहीं करें। पोस्टर को लेकर पूरे दिन क्षेत्र में चर्चा होती रही।
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