Darjeeling,May 9 : गोरखा प्राइमरी टीचर्स आर्गेनाइजेशन (जीपीटीओ) का चरणबद्ध आंदोलन मंगलवार से शुरू हो जाएगा। इसके तहत दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद (दागोपाप) के अंदर आने वाले शिक्षा विभाग से जुड़े सभी कार्यालय 10 से 12 मई तक बंद रहेंगे। संगठन ने इस बाबत पूर्व में ही घोषणा कर दी थी। आंदोलन को लेकर तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं और संगठन के नेता इस बाबत पूरे दिन रणनीति बनाने में लगे रहे। जीपीटीओ के केंद्रीय अध्यक्ष बेंडिक गुरुंग ने कहा कि पहाड़ में शिक्षा के नाम पर सिर्फ लापरवाही बरती जा रही है और छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। इसे संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा और अधिकारी नहीं चेते तो आंदोलन आने वाले दिनों में उग्र किया जाएगा।
शिक्षकों के रिक्त पदों को भरे जाने व विभिन्न प्राइमरी स्कूलों में छात्रों में किताब वितरण सहित अन्य समस्याओं की मांग को लेकर आंदोलन गंभीर होता जा रहा है। इस बाबत बेंडिक गुरुंग ने कहा कि 10 मई से शुरू होने वाले आंदोलन के तहत दागोपाप के तहत आने वाले शिक्षा विभाग के कार्यालय, जिला प्राथमिक परिषद कार्यालय, क्षेत्रीय निरीक्षण कार्यालय और सर्व शिक्षा मिशन कार्यालय बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान प्रशासन ने कोई सकारात्मक पहल नहीं की तो इसे उग्र होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। तीन दिन की बंदी के बाद फिर 17 मई से आंदोलन के अगले चरण में जिलाधिकारी कार्यालय और परिषद मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद 18 से 20 मई तक परिषद के सभी प्राथमिक स्कूलों की बंदी रहेगी और 23 व 24 को परिषद के सभी शैक्षणिक संस्थान व गैर सरकारी की बंदी रहेगी। इसके बावजूद मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 30 मई को पहाड़ के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों के सहयोग से मिलकर विराट जुलूस निकाला जाएगा और अलग-अलग स्थानों पर सभा की जाएगी और इसके बाद 31 मई को पूरा पहाड़ बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने में लगातार लापरवाही की जा रही है। यही नहीं पेंशन वितरण में भी हीलाहवाली का परिचय दिया जा रहा है। यही नहीं छात्रों को समय से किताबें नहीं मिल रही हैं और इसका परिणाम है कि उनका अध्ययन-अध्यापन प्रभावित हो रहा है। छात्रों के भविष्य से खेलने वालों के खिलाफ शिक्षक लामबंद हैं और मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
शिक्षकों के रिक्त पदों को भरे जाने व विभिन्न प्राइमरी स्कूलों में छात्रों में किताब वितरण सहित अन्य समस्याओं की मांग को लेकर आंदोलन गंभीर होता जा रहा है। इस बाबत बेंडिक गुरुंग ने कहा कि 10 मई से शुरू होने वाले आंदोलन के तहत दागोपाप के तहत आने वाले शिक्षा विभाग के कार्यालय, जिला प्राथमिक परिषद कार्यालय, क्षेत्रीय निरीक्षण कार्यालय और सर्व शिक्षा मिशन कार्यालय बंद रहेंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान प्रशासन ने कोई सकारात्मक पहल नहीं की तो इसे उग्र होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। तीन दिन की बंदी के बाद फिर 17 मई से आंदोलन के अगले चरण में जिलाधिकारी कार्यालय और परिषद मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इसके बाद 18 से 20 मई तक परिषद के सभी प्राथमिक स्कूलों की बंदी रहेगी और 23 व 24 को परिषद के सभी शैक्षणिक संस्थान व गैर सरकारी की बंदी रहेगी। इसके बावजूद मांगों पर विचार नहीं किया गया तो 30 मई को पहाड़ के विभिन्न स्कूलों, कॉलेजों व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों के सहयोग से मिलकर विराट जुलूस निकाला जाएगा और अलग-अलग स्थानों पर सभा की जाएगी और इसके बाद 31 मई को पूरा पहाड़ बंद रहेगा। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने में लगातार लापरवाही की जा रही है। यही नहीं पेंशन वितरण में भी हीलाहवाली का परिचय दिया जा रहा है। यही नहीं छात्रों को समय से किताबें नहीं मिल रही हैं और इसका परिणाम है कि उनका अध्ययन-अध्यापन प्रभावित हो रहा है। छात्रों के भविष्य से खेलने वालों के खिलाफ शिक्षक लामबंद हैं और मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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