दागोपाप कर्मचारी संगठन राजनीतिक दल नहीं

Mirik : दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद (दागोपाप) राजनीतिक संगठन नहीं है। जो लोग ऐसा समझते हैं, उन्हें गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए। इसका गठन दागोपाप कर्मचारियों के हित को लेकर और इसके लिए संघर्ष करने के लिए बनाया गया है।
यह बातें शनिवार को संगठन के केंद्रीय अध्यक्ष अनिल राई ने यहां के व्यवसाय संगठन भवन में आयोजित सभा के दौरान कही। उन्होंने आरोप लगाया कि जो लोग इस संगठन को राजनीतिक बता रहे हैं, वह षडयंत्र कर रहे हैं। इसका जवाब उन्हें इस संगठन के कर्मचारी देंगे। संगठन का लक्ष्य कर्मचारियों के हितों के लिए लड़ना और अधूरे कार्यो को पूरा करना है। आर एन राई ने कहा कि हर संगठन की स्थापना कर्मचारियों और समाज के हित में की जाती है, लेकिन कर्मचारियों का प्रयोग 2007 में राजनीतिक दलों ने ढाल के रूप में किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें राजनीति के तहत अस्थायी कर्मचारी संगठन से निकाला गया। इस समय जनमुक्ति अस्थायी कर्मचारी संगठन सिर्फ मीठी बातें करके कर्मचारियों को बरगलाने में लगा हुआ है और इसका नतीजा बहुत शीघ्र ही सामने आएगा। वर्तमान में अस्थायी कर्मचारियों की जो हालत हुई है, उसका मुख्य कारण इसी दल की मनमानी है। हालांकि अब ऐसा नहीं होगा और कर्मचारियों के हित के आगे कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दागोपाप कर्मियों की समस्याओं का हल राजनीतिक तरीके से नहीं होगा और उनके लिए संघर्ष इस दल के लिए किसी युद्ध से कम नहीं है। इसमें दागोपाप कर्मचारियों की जीत भी तय है। सभा में केवश पौडयाल, नेत्र गुरुंग, सुरेन लामा सहित अन्य लोगों ने विचार व्यक्त किये। इस दौरान संगठन के मिरिक कमेटी का भी गठन किया गया। इसमें आर एन राई को अध्यक्ष, सुचित्रा राई उपाध्यक्ष, पदम थामी मूल सचिव, प्रणाम तमांग सह- सचिव, सृजना घले कोषाध्यक्ष सहित अन्य कार्यकारिणी सदस्यों की घोषणा की गई।
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