दार्जिलिंग/कालिम्पोंग, जागरण टीम,Jul 12 : गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के केंद्रीय प्रवक्ता व कालिम्पोंग के विधायक डॉ. हर्क बहादुर क्षेत्री ने कहा कि नई व्यवस्था पर अंतिम मुहर लगने की संभावना दिल्ली में है। इसको लेकर गोरखा समुदाय में उत्सुकता है और यह जाहिर भी है क्योंकि इससे समुचित विकास का सपना साकार होगा और कई अधूरे पड़े कार्य पूरे होंगे।
हमारे दार्जिलिंग संवाददाता के अनुसार : विधायक ने बातचीत के दौरान कहा कि त्रिपक्षीय वार्ता शीघ्र होने की संभावना है और इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि गोरखाओं की समस्या राष्ट्रीय स्तर की है और इसका हल भी राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए। दिल्ली में केंद्र सरकार के समक्ष इसका समाधान होने से कई सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने बताया कि 18 जुलाई को मुख्यमंत्री के आने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन उनके पहाड़ आने पर उन्होंने आश्चर्य भी प्रकट किया है। उन्होंने बताया कि पिछली वार्ता के दौरान कई मुद्दों पर बात पूरी नहीं हो पाई थी और इसके बाद राज्य सरकार के ही पहल पर मुख्य सचिव के साथ वार्ता हुई। अब कोई समस्या नहीं है। केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है और आने वाले दिनों यह समस्या दूर हो जाएगी। हमारे कालिम्पोंग संवाद सूत्र के अनुसार : यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि तराई-डुवार्स के क्षेत्रों को शामिल कराने को लेकर उच्च स्तरीय समिति बनाई है। इसको लेकर कुछ लोग बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन इस मसले पर मोर्चा कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, क्योंकि इस पर रिपोर्ट देना समिति का कार्य है। तराई-डुवार्स को लेकर बयानबाजी से एक बात स्पष्ट हो गई है कि इन नेताओं में राजनीतिक परिपक्वता की कमी आ गई है। इससे कोई असर पड़ने वाला नहीं है।
हमारे दार्जिलिंग संवाददाता के अनुसार : विधायक ने बातचीत के दौरान कहा कि त्रिपक्षीय वार्ता शीघ्र होने की संभावना है और इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। उन्होंने कहा कि गोरखाओं की समस्या राष्ट्रीय स्तर की है और इसका हल भी राष्ट्रीय स्तर पर होना चाहिए। दिल्ली में केंद्र सरकार के समक्ष इसका समाधान होने से कई सकारात्मक परिणाम सामने आएंगे। उन्होंने बताया कि 18 जुलाई को मुख्यमंत्री के आने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन उनके पहाड़ आने पर उन्होंने आश्चर्य भी प्रकट किया है। उन्होंने बताया कि पिछली वार्ता के दौरान कई मुद्दों पर बात पूरी नहीं हो पाई थी और इसके बाद राज्य सरकार के ही पहल पर मुख्य सचिव के साथ वार्ता हुई। अब कोई समस्या नहीं है। केंद्र सरकार को इस पर निर्णय लेना है और आने वाले दिनों यह समस्या दूर हो जाएगी। हमारे कालिम्पोंग संवाद सूत्र के अनुसार : यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि तराई-डुवार्स के क्षेत्रों को शामिल कराने को लेकर उच्च स्तरीय समिति बनाई है। इसको लेकर कुछ लोग बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन इस मसले पर मोर्चा कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा है, क्योंकि इस पर रिपोर्ट देना समिति का कार्य है। तराई-डुवार्स को लेकर बयानबाजी से एक बात स्पष्ट हो गई है कि इन नेताओं में राजनीतिक परिपक्वता की कमी आ गई है। इससे कोई असर पड़ने वाला नहीं है।
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